लखनऊ : बनारस घूमने के लिहाज से काफी खूबसूरत जगह है। यहां प्रसिद्ध तीर्थ स्थल से लेकर पर्यटक स्थल भी मौजूद हैं। आप यहां खूबसूरत घाट और मंदिर का दीदार कर सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं बनारस शहर के आसपास भी ऐसी कई जगहें हैं जो काफी प्रसिद्ध है। ये जगहें न केवल […]
लखनऊ : बनारस घूमने के लिहाज से काफी खूबसूरत जगह है। यहां प्रसिद्ध तीर्थ स्थल से लेकर पर्यटक स्थल भी मौजूद हैं। आप यहां खूबसूरत घाट और मंदिर का दीदार कर सकते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं बनारस शहर के आसपास भी ऐसी कई जगहें हैं जो काफी प्रसिद्ध है। ये जगहें न केवल भारतियों को बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। हालांकि ज्यादातर पर्यटक वाराणसी घूम के वापस चले जाते हैं। कई लोगों को इसके आस-पास के खूबसूरत झरनों (वॉटरफॉल) के बारे में पता ही नहीं होता। बरसात के दिनों में इन झरनों की खूबसूरती मन मोह लेती है। ऐसे में आज हम आपको वाराणसी के पास के खूबसूरत झरनों और जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप भी अपने परिवार के साथ बनारस की प्लानिंग कर रहे हैं या अकेले आने का सोच रहे हैं, तो उन जगहों पर जरूर जाएं।
सारनाथ एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल है जो वाराणसी से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शांत वातावरण में कुछ समय बिताने के लिए यह स्थान काफी अच्छा है। इसी स्थान पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। सारनाथ में घूमने की जगह काफी लोकप्रिय है जिस में अशोक स्तंभ, चौखंडी स्तूप, पुरातत्व संग्रहालय, तिब्बती मंदिर, धमेख स्तूप, मठ और थाई मंदिर आदि शामिल हैं।
बनारस में घूमने की जगह की लिस्ट में चुनार का किला भी सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है। यह शहर से 40 किलोमीटर दूर मिर्जापुर जिले में गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह किला 34000 फुट वर्ग आकार में फैला हुआ है। किले का निर्माण उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भरथरी के लिए करवाया था। किला ऐतिहासिक रूप से उल्लेखनीय है। किले का गढ़ वाला हिस्सा जिसमें तोपें हैं आज भी देखे जा सकते हैं। यहां की वास्तुकला स्पष्ट रूप से आगरा के किले से मेल खाती है।
वाराणसी शहर के करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मिर्जापुर में लखनिया दरी (जलप्रपात) स्थित है। करीब 100 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता पानी देखने में बेहद ही आकर्षित लगता है। इसके चारों तरफ ऊंचे-ऊंचे पेड़ पौधे हैं। यहां छुट्टियों में लोग पिकनिक मनाने आते हैं। बरसात के दिनों में यहां जाने की मनाही होती है। इसी से सटा सिद्धनाथ की दरी भी है।
वाराणसी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर राजदरी और देवदरी जलप्रपात हैं। यह चंदौली के नौगढ़ के जंगलों में स्थित है। जब चंद्रप्रभा डैम से छोड़ा गया पानी कई मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है तो ये बेहद ही आकर्षित लगता है। इस जलप्रपात की खूबसूरती को निहारने के लिए सर्च टॉवर भी लगा है। यहां तक पहुंचने के लिए आपको चंद्रपुर वन्य जीव अभ्यारण्य जाना होगा।
वाराणसी से लगभग 95 किलोमीटर दूर मुक्खा फॉल (वॉटर फॉल ) सोनभद्र जिले में है। यहां बेलन नदी का पानी उबड़-खाबड़ जमीनों से होते हुए 50 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यहां का शांत वातावरण बेहद ही आकर्षित करता है। गर्मियों में यहां टूरिस्टों की काफी भीड़ लग जाती है।
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