नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि साल 2030 तक देशभर में दो करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन हो सकते हैं। गडकरी ने कहा कि देशभर में काफी तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि आज देशभर में 20.8 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हैं। 2021 […]
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि साल 2030 तक देशभर में दो करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन हो सकते हैं। गडकरी ने कहा कि देशभर में काफी तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि आज देशभर में 20.8 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हैं।
2021 की तुलना में यह 10 लाख ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन है और इनमें 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2030 तक मेरा अनुमान है कि देश में दो करोड़ वाहन हो जाएंगे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने राज्यवार आंकड़ों पर जानकारी देते हुए बताया कि इस समय उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक 4.5 लाख दो पहिया वाहन हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी होगी जिससे 10 लाख रोजगार भी पैदा होंगे।
गडकरी ने बताया कि मौजूदा समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री 7.8 लाख करोड़ रुपए की है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने अभी तक कुल 4 करोड़ रोजगार दिए है। भारत सरकार और राज्य सरकारों को सबसे ज्यादा जीएसटी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से ही मिलता है। मेरा लक्ष्य है कि 7.8 लाख करोड़ की इस इंडस्ट्री को पांच साल में 15 लाख करोड़ रुपए की इंडस्ट्री बनाना है।
भविष्य को ध्यान रखते हुए गडकरी ने कहा कि मौजूदा समय में देश में 30 करोड़ से ज्यादा वाहन हैं। 10 साल बाद जनसंख्या कम होगी और वाहनों की संख्या काफी ज्यादा होगी। हर घर में तीन लोग होंगे और पांच गाड़ियां होगी, फिलहाल दिल्ली और मुंबई में ऐसा ही है। इसका मुख्य कारण ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का लगातार बड़ा होना है।
स्क्रैप नीति पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, भारत सरकार 10 और 15 साल पुराने 10 लाख वाहन को स्क्रैप कर रही है। अगर भारत सरकार और राज्य सरकारों के 45 लाख वाहन स्क्रैप होंगे तो इसका क्या परिणाम होगा, आप सोच सकते हैं। ऐसा करने से ऑटो कंपोनेंट्स 30 फीसदी सस्ते हो जाएंगे। अभी हम एल्यूमीनियम इंपोर्ट करते हैं, कॉपर इंपोर्ट करते हैं। दुबई, ऑस्ट्रेलिया, यूएस जैसे देशों से एल्यूमीनियम आता है जिसकी कीमत 145 रुपए किलो है। अगर स्क्रैप से इसकी पूर्ति होगी तो उसकी कॉस्ट 80 रुपए किलो होगी।