लखनऊ। यूपी में ललित हरि राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय की शैक्षिक सत्र 2022-23 की मान्यता रद्द कर दी गई है। इन्ही कारणों से नए सत्र में अब छात्र दाखिला नहीं ले पाएंगे। इस घटना के पीछे महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी बताई गई है। इस घटना को लेकर आयुष निदेशालय को भी अवगत कर दिया गया है। अध्यापकों की कमी को लेकर मान्यता रद्द होने की घटना बीते हुए समय एवं आने वाले समय को लेकर कई सवालिया निशान भी खड़े करती है। सत्र की मान्यता रद्द होने की यह घटना छात्र एवं छात्राओं के लिए काफी दुखद है।
एक शताब्दी से भी अधिक पुराने आयुर्वदिक महाविद्यालय में बीएएमएस और एमडी की पढ़ाई करवाई जाती है। इस महाविद्यावय की एमजेपी रुहेलखंड विश्विद्यालय बरेली से संबद्धता है। इस महाविद्यालय में पढ़ाने के लिए तीस अध्यापकों की आवश्यकता एवं स्वीकृति है। उसके उलट वर्तमान में केवल 23 अध्यापक ही विद्यालय द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सात अध्यापकों की यह कमी विद्यालय की मान्यता रद्द करने का अहम कारण बनी। हम आपको बता दें कि, प्रत्येक वर्ष एनसीआईएमएम को महाविद्यालय का पूरा डाटा भेजना होता है। इसके बाद ही नए शैक्षिक सत्र को मान्यता देने का प्रावधान है। डाटा के अनुसार मानक पूरे न होने को लेकर इस विद्यालय के मौजूदा सत्र की मान्यता रोक दी गई है।
प्राचार्य प्रोफेसर एसएस बेदार का कहना है कि, शैक्षिक सत्र 2022-23 को मान्यता नही मिल सकी है। इसके पीछे मानक के अनुरूप अध्यापकों का काम होना अहम कारण है। जिले के आयुष निदेशालय को इस घटना के सम्बन्ध में अवगत करा दिया गया है। हम आपको बता दें कि, राज्य के स्तर से टीचिंग फैकल्टी में तैनाती की जाती है।
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