देश-प्रदेश

देशभर में हो सकती है पेट्रोल डीजल की किल्लत, जानिए पीछे का कारण

नई दिल्ली। दो दिन तक आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वजह यह है कि देश भर के पेट्रोल पंपों पर दो दिन तक पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है। पेट्रोल पंप डीलर पेट्रो कंपनियों से पेट्रोकेमिकल नहीं खरीदेंगे। मंगलवार 31 मई को 24 राज्यों के पेट्रोल पंप डीलर नो परचेज कैंपेन में हिस्सा लेंगे। इसी वजह से इस दिन कोई भी डीलर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCS) से पेट्रोल-डीजल नहीं खरीदेगा।

क्यों हो रहा प्रदर्शन ?

यह विरोध पेट्रोल और डीजल पर अपना कमीशन बढ़ाने की उनकी मांग को लेकर है। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, बिहार, तेलंगाना और अन्य राज्यों के पेट्रोल डीलर शामिल होंगे। डीलरों का कहना है कि यह पेट्रो कंपनियों के खिलाफ है, क्योंकि वे प्रावधान के मुताबिक कमीशन नहीं बढ़ा रहे हैं। यह वृद्धि 2017 के बाद से नहीं हुई है। वहीं वेतन और तेल की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। पंपों से उड़ने वाले तेल का खर्च भी बढ़ गया है। उनके मुताबिक, कोशिश होगी कि आम उपभोक्ताओं को इससे ज्यादा परेशानी न हो, लेकिन ऐसा करने का फैसला इसलिए लिया ताकि कंपनियां उनकी बात सुनें।

विरोध के पीछे क्या कारण है?

उनका कहना है कि डीलर कमीशन- 2017 में केंद्र सरकार ने डीलर कमीशन में हमारे लिए प्रावधान किया था। ओएमसी और डीलर संघों के बीच एक समझौता था कि डीलर मार्जिन को हर छह महीने में संशोधित किया जाएगा। हालांकि, 2017 के बाद से इसे संशोधित नहीं किया गया है।

क्यों बढ़ी है मांग?

चूंकि 2017 के बाद से ईंधन की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं, कार्यशील पूंजी का कारोबार दोगुना हो गया है, जिससे अतिरिक्त ऋण और बाद में बैंक हित बढ़े हैं। वाष्पीकरण हानियों में आनुपातिक रूप से वृद्धि हुई है। डीलर कमीशन अनिवार्य रूप से हमारे वेतन, बिजली बिल, बैंक शुल्क आदि जैसे खर्चों की प्रतिपूर्ति है जो पिछले पांच वर्षों के दौरान कई गुना बढ़ गया है। डीलरों के मुताबिक, ओएमसी ने कमीशन को संशोधित करने की उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया है, ऐसा करके ओएमसी अपने नेटवर्क को आर्थिक रूप से अव्यवहारिक बना रहे हैं।

देश के नागरिक को राहत देने के लिए, केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क में भारी कटौती की है, जिसके कारण पेट्रोल पंप संचालक भी चौंक गये हैं। इन अचानक कटौती से कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। पिछले छह महीने में केंद्र सरकार और राज्यों ने दो बड़ी कटौती का ऐलान किया है।

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Pravesh Chouhan

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