अध्यादेश और विपक्षी बैठक का कोई लेना-देना नहीं… AAP के मीटिंग में शामिल होने पर कांग्रेस

नई दिल्ली: रविवार को कांग्रेस आलाकमान ने साफ़ कर दिया कि वह दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का साथ देगी और भाजपा का विरोध करेगी. कांग्रेस का ये समर्थन उस समय आया जब बेंगलुरु में विपक्षी महाबैठक होने में केवल एक दिन का समय बाकी था. इतना ही नहीं रविवार की शाम […]

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अध्यादेश और विपक्षी बैठक का कोई लेना-देना नहीं… AAP के मीटिंग में शामिल होने पर कांग्रेस

Riya Kumari

  • July 17, 2023 2:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: रविवार को कांग्रेस आलाकमान ने साफ़ कर दिया कि वह दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का साथ देगी और भाजपा का विरोध करेगी. कांग्रेस का ये समर्थन उस समय आया जब बेंगलुरु में विपक्षी महाबैठक होने में केवल एक दिन का समय बाकी था. इतना ही नहीं रविवार की शाम को ही आम आदमी पार्टी ने PAC की बैठक बुलाई थी जिसमें अध्यादेश और विपक्षी बैठक को लेकर चर्चा की जानी थी.

पवन खेड़ा का बड़ा बयान

ऐसे में अध्यादेश और विपक्षी बैठक को लेकर चर्चा होने लगी. कहा ये भी जाने लगा कि कांग्रेस यदि विपक्षी बैठक से पहले अध्यादेश पर आप को समर्थन नहीं देगी तो बेंगलुरु महाबैठक में बड़ी हलचल दिखाई पड़ सकती थी. हालांकि इन सभी कयासों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा का बयान सामने आया है. सोमवार को बेंगलुरु महाबैठक से पहले पवन खेड़ा ने मीडिया से बातचीत की.

इस दौरान AAP के विपक्षी महाबैठक में शामिल होने पर कहा, “दिल्ली अध्यादेश का विरोध करने का विपक्षी दलों की बैठक से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस हमेशा संवैधानिक ढांचे की रक्षा के लिए खड़ी रही है और हमने हमेशा भाजपा सरकार द्वारा राज्यपालों और उप-राज्यपालों के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज उठाई है। इसलिए इसे विपक्षी बैठक के साथ जोड़ना गलत होगा”

महाजुटान से पहले बड़ा बदलाव

गौरतलब है कि पिछले महीने बिहार की राजधानी पटना में हुई विपक्षी दलों की महाबैठक के दौरान भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तल्खी देखने को मिली थी. इस तल्खी के पीछे दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस के अस्पष्ट रूख को बताया जा रहा था. हालांकि बेंगलूरु में विपक्षी दलों के महाजुटान से पहले ये मामला साफ हो गया और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को अध्यादेश के खिलाफ अपना समर्थन दे दिया है. लेकिन आम आदमी पार्टी के विपक्षी महाबैठक में शामिल होने पर अभी भी संशय है.

 

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