नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाई जा सकती है, साथ ही अच्छी खबर ये है कि मोहन यादव सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 3 साल तक बढ़ा सकती है. इसके लिए मध्य प्रदेश […]
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाई जा सकती है, साथ ही अच्छी खबर ये है कि मोहन यादव सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 3 साल तक बढ़ा सकती है. इसके लिए मध्य प्रदेश कर्मचारी कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है, जिसमें मोहन यादव ने कर्मचारियों के लिए उम्र को बढ़ाने के बारे में बात की है.
ख़बरों के मुताबिक मध्य प्रदेश राज्य अधिकारियों के कल्याण समिति ने शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में एकरूपता लाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है, और कहा है कि एमपी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा लाए गए संकल्प पत्र 2023 में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र में एकरूपता लाने की बात की है. साथ ही ऐसे में एमपी शासन को शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल से बढ़कर 65 साल करने पर अब विचार किया जा रहा है. हालांकि वर्तमान में प्राध्यापक, चिकित्सक, स्टाफ नर्स और अन्य सेवाओं में सेवानिवृत्ति की आयु सीमा सिर्फ 65 साल कि है.
बता दें कि वर्तमान में राज्य के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 62 साल है. आखिरी बार 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ने सेवानिवृत्ति की उम्र को 60 से बढ़ाकर 62 साल तक कर दिया था. इसके दौरान वित्तीय स्थिति ठीक ना होने और सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को एमपी शासन को फ्री भुगतान की राशि देने के वजह से फिर 2022-23 में सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 62 से बढ़ाकर 63 करने पर बात गई थी, लेकिन इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक प्रस्ताव के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भेजा था,
लेकिन भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने इसका खुलकर विरोध किया था, और वो आधा में ही रह गया था. बता दें कि अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को 3 साल बढ़ाने की तैयारी में सरकार लगी हुई है. दरअसल रिटायरमेंट की उम्र अगर बढ़ती है तो सरकारी कर्मचारियों के साथ राज्य सरकार को भी बहुत बड़ा लाभ होगा, और लोकसभा चुनाव से पहले सरकार पर कोई भी वित्तीय भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि 2023 में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को फ्री राशि नहीं देनी पड़ेगी, और वित्तीय लाभ मिलेगा.
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