नई दिल्ली: विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर दरगाह को शिव मंदिर घोषित करने को लेकर जमकर बवाल हो रहा है. इसका बवाल केवल राजस्थान, में नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहा है. बता दें इस विवाद की शुरूआत हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की एक याचिका से हुई. इस याचिका में उन्होंने अजमेर दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित करने की मांग की. अब इस याचिका के आधार पर अजमेर की अदालत ने 27 नवंबर को आधार पर दरगाह के सर्वेक्षण को मंजूरी दी. जिसके बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया. अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में अजमेर शरीफ के जगह शिव मंदिर था. वहीं इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, इस सर्वे में लोगों ने अपनी-अपनी राय दी है.
सियासी प्रोपेंगडा 11 %
हिंदू-मुसलमान करना 8%
सुनवाई सही 63%
सुनवाई गलत 18%
कह नहीं सकते 1%
हां
64%
नहीं
35%
कह नहीं सकते 1%
3- अजमेर दरगाह पर जिस किताब में मंदिर होने का दावा है, उस पर कितना भरोसा ?
भरोसा कर सकते हैं 66 %
भरोसा नहीं 29%
कह नहीं सकते 5%
4- क्या अजमेर दरगाह को लेकर अब राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं ?
हां 63%
नहीं 34%
कह नहीं सकते 3%
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