नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में जीआई टैग पाने वाली वस्तुओं की सूची में बनारस का पान सबसे नया है. काशी के चार नए उत्पादों को जीआई टैग मिला है. अब तक काशी के कुल 22 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है. वहीं उत्तर प्रदेश के 45 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है. स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर प्रयास करते रहे हैं. जीआई विशेषज्ञ, पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने जानकारी देते हुए बताया कि बनारसी पान के साथ, वाराणसी के तीन अन्य उत्पादों बनारसी लंगड़ा आम, रामनगर भंटा (बैंगन) और आदमचीनी चावल को भी जीआई टैग मिला है.
बनारसी पान को GI टैग मिलने के बाद काशी क्षेत्र अब GI टैग उत्पादों का दावा करता है. NABARD ( नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट ) यूपी के सहयोग से कोविड समय के दौरान 20 राज्य आधारित उत्पादों के लिए GI आवेदन दायर किए गए थे. यूपी सरकार ने एक जिला एक एक उत्पाद स्कीम चलाई थी जिसमें ये था कि हर जिले में एक चीज को बढ़ावा देना है. इस साल 11 उत्पादों को जीआई टैग मिला है जिनमें 7 ODOP और काशी के 4 उत्पादों को मिला है.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के 18 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है. इनमें भदोही का कालीन, बनरास की साड़ी, गोरखुपर का टेराकोटा क्राफ्ट आदि. NABARD के जीएम अनुज कुमार सिंह ने कहा कि इस जीआई उत्पादकों को आगे ले जाने लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की जाएगी. ताकि वहां का उत्पाद का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हो सके.
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