लखनऊ: लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के अंदर जारी कलह अभी भले ही शांत दिखाई दे रही हो लेकिन सच कुछ और है. बताया जा रहा है कि यूपी में आम चुनाव के नतीजों से नाखुश बीजेपी आलाकमान एक्शन के लिए सही मौके की तलाश में है. वहीं पिछले दिनों बगावत का झंडा बुलंद करने वाले केशव प्रसाद मौर्य भी अंदरखाने नई रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. सियासी गलियारों में हो रही चर्चाओं की मानें तो केशव यूपी बीजेपी संगठन के साथ ही पार्टी शीर्ष नेतृत्व को भी साधने में जुटे हुए हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद केशव प्रसाद मौर्य लगातार संगठन को सरकार से बड़ा बता रहे हैं. वह कई बार मीडिया के सामने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में कह चुके हैं कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. बताया जा रहा है कि केशव मौर्य बार-बार ऐसे बयान देकर योगी आदित्यनाथ सरकार को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि योगी सरकार में उन्हें किनारे कर दिया गया है. इसके साथ ही वे लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगे झटके के लिए योगी सरकार के रवैये को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
मालूम हो कि इससे पहले 27 और 28 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मुख्यमंत्री परिषद की बैठक हुई. लोकसभा चुनाव के बाद हुई इस मीटिंग में सभी मुख्यमंत्रियों से संगठन संग बेहतर तालमेल बनाकर रखने के लिए कहा. साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि कार्यकर्ताओं का सम्मान किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे से हैरान ना हो. सभी आंकड़े सरकार की बढ़त में है और चुनाव में कम सीट आने के बाद भी हम पहले जैसे ही आगे बढ़ रहे हैं.
केशव-ब्रजेश ही नहीं जयंत-अनुप्रिया भी योगी के पीछे पड़े, इन दो मुद्दों पर नहीं दिया समर्थन