बादशाह मुगल हरम में अच्छा समय बिताने के लिए आते थे. बादशाह के आने की खबर मिलते ही पूरा हरम पूरी तरह अनुशासित हो जाता था.
नई दिल्ली: भारत में मुगलों ने लगभग दो सौ सालों तक शासन किया. मुगल काल का इतिहास भारत के प्रति जितना क्रूर है, इतिहास में उनकी जीवनशैली को भी उतने ही भव्य तरीके से दर्शाया गया है. आपने इतिहास की किताबों में मुगल काल की कई कहानियां और तथ्य पढ़े होंगे. उन कहानियों का एक अहम हिस्सा था मुगल हरम. बता दें इतिहासकारों ने हरम मुगल के बारे में कई किताबे लिखी है. इन किताबों में हरम के कई रहस्यों का खुलासा किया गया है. हम आपको इन्हीं रहस्यों में से एक के बारे में बता रहे हैं जिसमें मुगल हरम में महिलाओं की हालात कैसी थी.
बता दें आपको मुगल काल में इस राजवंश की महिलाएं और शासकों की बेगमें जिस स्थान पर रहती थीं उसे मुगल हरम कहा जाता था.यहां मुगल बादशाह अपनी दिनभर की थकान मिटाने के लिए अपनी बेगमों के बीच आते थे. इन बेगमों के हरम में बड़ी संख्या में दास लड़कियां रखी जाती थीं. इतालवी लेखक मनुची की पुस्तक ‘मुगल इंडिया’ के मुताबिक 1500 ई. के बाद जब बाबर ने आक्रमण किया और भारत पर अपना शासन स्थापित किया, तब ये हरम इतने प्रचलित नहीं थे, लेकिन अकबर के शासनकाल के बाद से हरम अस्तित्व में आने लगा. वहीं इस किताब के मुताबिक मुगल हरम में लगभग 5 हजार महिलाएं रहती थीं. इनमें बादशाह की बेगमें, उनकी बेटियां और दासियां रहती थी. मनुची अपने किताब मुगल इडियां में लिखते है कि हरम में बेगमों और उनकी बेटियों के आराम और सेवा के लिए विदेशों से हज़ारों लड़कियां लाई जाती थीं.
बादशाह अपनी बेगमों के साथ समय बिताने के लिए मुगल हरम में आते थे. बादशाह के आने की खबर मिलते ही पूरा हरम पूरी तरह अनुशासित हो जाता था. दासियां बेचैन हो उठती थी और डर से कांपने लगती थी. वहीं बादशाह के समाने उनकी मनपसंद रानी ने दूसरी रानी के बारे में शिकायत कर दी तो बादशाह उन्हें सजा दे सकते है, और वहीं रानियों को इस बात का भी डर होता था कि अगर बादशाह की खातिरदारी में कोई कमी रह गई तो वह उनसे नाराज न हो जाएं. क्योंकि उस समय मुगल काल में छोटी – सी भी गलती की बड़ी सजा मिलती थी.
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