नई दिल्ली: धार्मिक नगरी अयोध्या अब तेजी से स्मार्ट और लग्जरी सुविधाओं से जुड़ रही है. हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये यात्रियों, पर्यटकों, श्रद्धालुओं से जुड़ी जरूरतों का, जिससे वे यहां आने के बाद दोबारा आने का मन बनाकर जाएं, और ऐसा करने के लिए शहर के भीतर आपके आवास और परिवहन […]
नई दिल्ली: धार्मिक नगरी अयोध्या अब तेजी से स्मार्ट और लग्जरी सुविधाओं से जुड़ रही है. हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये यात्रियों, पर्यटकों, श्रद्धालुओं से जुड़ी जरूरतों का, जिससे वे यहां आने के बाद दोबारा आने का मन बनाकर जाएं, और ऐसा करने के लिए शहर के भीतर आपके आवास और परिवहन की व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है. बता दें कि ये प्रयास रंग ला रहा हैं. बता दें कि स्टार होटल ने पारंपरिक और मध्य-श्रेणी के होटलों की जगह लेना शुरू कर दिया है, और टेंट सिटी जैसी सुविधाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. दरअसल होमस्टे एक ऐसे क्षेत्र के रूप में उभर रहा है जो लोगों को घर जैसा महसूस कराता है और अयोध्या निवासियों को उनकी आय बढ़ाने के नए अवसर प्रदान करता है.
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, नगर निगम, पर्यटन विभाग, भाजपा और कई मठ और मंदिरों के बड़ी संख्या में लोगों को ठहरने के लिए अलग-अलग टेंट सिटी बसा रहे हैं, और बड़ी संख्या में लोगों के ठहरने के लिए विभिन्न टेंट सिटी भी बसा रहे हैं. बता दें कि ये विकास प्राधिकरण है. दरअसल स्थाई समझौते की पहल अयोध्या विकास प्राधिकरण ने की थी, और राम मंदिर के पीछे ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा पंचकोसी रोड पर एक प्रतिष्ठित कंपनी ने 30 कमरों की स्थाई टेंट सिटी बसाई है. साथ ही यहां रिसेप्शन से लेकर कमरों तक बेहतर अहसास होता है, वहीं कमरे प्रति रात 10,500 रु प्लस जीएसटी के शुल्क पर उपलब्ध हैं, और एक कमरे में दो लोग रह सकते हैं. 60 सीटों वाला एक भोजन कक्ष है, टेंट सिटी के सीनियर फ्रंट ऑफिस एक्जीक्यूटिव सतीश कुमार का कहना है कि 20 से 26 तक सभी कमरे पूरी तरह से बुक हैं, और रामकथा संग्रहालय के पास 39 कमरों की टेंट सिटी बनाई जाने वाली है.
1. नगर निगम- दो स्थान पर, 5,000 लोगों की व्यवस्था है.
2. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट – तीन स्थान, 22 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था.
3. अयोध्या विकास प्राधिकरण – प्राइवेट प्लेयर के सहयोग से एक तैयार, दूसरा कार्यरत.
4. भाजपा – 20 हजार कार्यकर्ताओं के लिए.
5. पर्यटन विभाग -400 कलाकारों के लिए.
6. मठ और अखाड़े- भक्तों और अनुयाइयों के लिए अलग-अलग टेंट सिटी की व्यवस्था.
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