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इन जरूरी दवाओं के दामों में होगा इजाफा, एनपीपीए ने बैठक के दौरान दी मंजूरी

नई दिल्ली: दवाओं की कीमतें बढ़ाने की मंजूरी देने का निर्णय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 8 अक्तूबर को प्राधिकरण की बैठक के दौरान किया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार औषधि (मूल्य नियंत्रण ) आदेश, 2013 के पैरा 19 के तहत दी गई असाधारण शक्तियों का उपयोग करते हुए किया गया।   […]

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इन जरूरी दवाओं के दामों में होगा इजाफा, एनपीपीए ने बैठक के दौरान दी मंजूरी
  • October 15, 2024 8:30 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: दवाओं की कीमतें बढ़ाने की मंजूरी देने का निर्णय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 8 अक्तूबर को प्राधिकरण की बैठक के दौरान किया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार औषधि (मूल्य नियंत्रण ) आदेश, 2013 के पैरा 19 के तहत दी गई असाधारण शक्तियों का उपयोग करते हुए किया गया।

 

असाधारण शक्तियों करके लिया निर्णय

 

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 2013 के पैरा 19 के तहत दी गई असाधारण शक्तियों का उपयोग करते हुए यह निर्णय 8 अक्तूबर को प्राधिकरण की बैठक के दौरान औषधि (मूल्य नियंत्रण ) आदेश द्वारा किया गया। सस्ती दवा उपलब्ध कराने के जनादेश से समझौता किए बिना इस कदम का उद्देश्य है कि इन दवाओं के निर्माण की वित्तीय व्यवहार्यता को बनाए रखना। यह सुनिश्चित करना एनपीपीए का पहला उद्देश्य है कि आवश्यक दवाएं उचित मूल्य पर उपलब्ध हों।

 

लागत बढ़ने के पर लिया निर्णय

 

जानकारी के मुताबिक दवा निर्माताओं की तरफ से विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव, सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) की बढ़ती लागत और उत्पादन खर्च में वृद्धि के कारण मूल्य संशोधन की मांग की थी। यह मंजूरी जिन दवाओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर दी गई है उनमें अस्थमा, मानसिक स्वास्थ्य विकारों, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया और तपेदिक जैसी स्थितियों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली दवाएं शामिल हैं। अक्सर सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में इन दवाओं का उपयोग प्रथम-पंक्ति उपचार के रूप में किया जाता है। इसके अलावा उत्पादन चुनौतियों के कारण मूल्य समायोजन का उद्देश्य दवाओं की कमी या अनुपलब्धता को रोकना है।

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ये दवाएं होंगी महंगी

 

इन दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना देश में प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए काफी जरूरी है। मूल्य वृद्धि से प्रभावित दवाओं की सूची में एट्रोपिन इंजेक्शन 0.6 mg/ml,पिलोकार्पाइन 2 प्रतिशत ड्रॉप्स, सेफैड्रोक्सिल टैबलेट 500 mg, 10 लाख IU इंजेक्शन, एट्रोपिन इंजेक्शन 0.6 mg/ml,इंजेक्शन के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर (750 mg और 1000 mg) साल्बुटामोल टैबलेट (2 mg और 4 mg) और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन (5 mg/ml), लिथियम टैबलेट 300 mg और इंजेक्शन के लिए डेसफेरियोक्सामाइन 500 mg और लिथियम टैबलेट 300 mg शामिल हैं। ऐसे कदम 2019 और 2021 में उठाए गए थे और उस समय 50 प्रतिशत की वृद्धि 21 और 9 तरह की दवाओं की कीमतों में की गई थी।

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