September 8, 2024
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गुजरात विधानसभा चुनावों में इन नेताओं की शाख है दांव पर

गांधीनगर। आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा एवं आम आदमी पार्टी में ज़ोरदार भिड़ंत होने की संभावना हैं जहां एक ओर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है। वहीं आम आदमी पार्टी की कवायदें अविश्वनीय हैं। इस दौरान गुजरात की इस सीट पर कुछ नेताओं का भविष्य टिका हुआ है, यदि यहां से हार का सामना करना पड़ता है तो अवश्य ही इन नेताओं का कद घट जाएगा।

इन सीटों पर है अस्तित्व बचाने की जंग

आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में सूरत क़रीब तीन दशकों से भाजपा का गढ़ बना हुआ है, यहाँ लोकसभा, विधासभा एवं निकाय तीनों में ही भाजपा ने परचम लहरा रखा था। लेकिन फरवरी 2021 में नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 27 सीटें जीतकर हाहाकार मचा दिया था।
नगर निगम चुनावों में इस बदलाव के चलते भाजपा का भय स्वाभाविक है कि, कहीं उसे मौजूदा विधानसभा चुनावों में भी हार का सामना न करना पड़े। आम आदमी पार्टी की मौजूदगी ने सूरत की तीन विधानसभा सीटों में मुकाबले को रोचक बना दिया है। इनमें वारछा रोड, कतारगाम और करंज सीटें शामिल हैं। इन सीटों में भाजपा की हार का मतलब है कि, आम आदमी पार्टी ने भाजपा के किले को भेद दिया है, भले ही भाजपा को विधानसभा चुनावों में सरकार बनाने का मौका फिर से मिल जाए।

किन नेताओं का अस्तित्व है खतरे में?

भारतीय जनता पार्टी ने वराछा रोड से पूर्व मंत्री किशोर कनाणी और कतारगाम वीनू मोरडिया को उतारा है, जबकि इनके मुकाबले में आम आदमी पार्टी ने अल्पेश कथीरिया और गोपाल इटालिआ को उतारा है। सूरत मे यदि भाजपा की सीटों की संख्या कम हो जाती है तो इसका सीधा असर प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटील, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और दर्शना जरदोश के कद पर पड़ेगा।
इसी के उलट आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिआ, मनोज सोरठिया और अल्पेश कथीरिया यदि सफल होने में नाकाम रहते हैं तो इसमें कोई भी दो मत नहीं हैं कि उनका कद भी प्रभावित होगा।

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