पटना: छपरा में जहरीली शराब से बढ़ती मौत के बाद भी राजनीती जारी है। आज बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों से मिलकर बात-चीत की. इस दरमियान उन्होंने कहा कि, ” जहरीली शराब पीने के चलते बिहार के तीन जिलों में 100 से […]
पटना: छपरा में जहरीली शराब से बढ़ती मौत के बाद भी राजनीती जारी है। आज बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों से मिलकर बात-चीत की. इस दरमियान उन्होंने कहा कि, ” जहरीली शराब पीने के चलते बिहार के तीन जिलों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, इनमें ज्यादातर दलित, आदिवासी, गरीब और पिछड़े हैं, लेकिन जीतन राम मांझी, भाकपा(माले) और माकपा जैसे दलों के लिए सत्ता में बने रहने के लिए एक गहरी चुप्पी जरूरी थी। जहरीली शराब ने उसकी आत्मा को भी मार डाला।”
सुशील मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी, जिन्होंने शराबबंदी के खिलाफ रोजाना बयान जारी किए और कहा कि “पाव भर” शराब पीने में कोई हर्ज़ नहीं है, वह जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को सांत्वना देने भी नहीं गए। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मरने वालों के प्रति सहानुभूति जताने की बजाए उनके परिवारों के प्रति भी सख्ती दिखाई है. सुशील मोदी ने कहा कि ‘जो पीएगा वह मरेगा’, तो ‘पलटी मारने वाला भी राज करेगा?’ मुख्यमंत्री जी, आप इतना असंवेदनशील मत बनिए! उन्होंने कहा कि जब सड़क हादसों में मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा मिलता है तो जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को इससे वंचित क्यों रखा जाता है?
भाजपा शासित राज्यों में नकली शराब से मरने वालों की संख्या पर उपप्रधानमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई महागठबंधन नेताओं ने बिहार विधानसभा में बयान दिया था. उसके बाद सुशील मोदी ने कहा कि तेज सरकार शराब के उत्पादन, तस्करी और बिक्री को नहीं रोक सकती है लेकिन दोष बीजेपी शासित राज्यों पर मढ़ती है. उन्होंने कहा कि क्या टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल और यूपीए शासित झारखंड की शराब गंगा जल है। जहरीली शराब पीने से सैकड़ों गरीब परिवार उजड़ चुके हैं जबकि पूरा महागठबंधन इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति करने में लगा है.