नई दिल्ली: सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पहला बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने देश में जुलाई महीने के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों के लिए सजा की मांग की है. वहीं शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद द्वारा साझा किए गए बयान में कहा […]
नई दिल्ली: सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पहला बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने देश में जुलाई महीने के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों के लिए सजा की मांग की है. वहीं शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद द्वारा साझा किए गए बयान में कहा गया है कि मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित सम्मान और गंभीरता के रूप में मनाने की अपील करती हूं. उन्होंने अपने देशवासियों से बंगबंधु भवन में पुष्पांजलि अर्पित करके 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाने की अपील की.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि पिछले जुलाई से आंदोलन के नाम पर हिंसा, आगजनी और बर्बरता के कारण कई लोगों की जान चली गई है. छात्र, शिक्षक, पुलिस, आंतरिक महिला पुलिस, पत्रकार, संबद्ध संगठन के नेता, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, कामकाजी लोग, अवामी लीग, कार्यकर्ता, पैदल यात्री और विभिन्न संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारी जो आतंकवादी हमले में मारे गए हैं, मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए शोक व्यक्त करती हूं.
देश में घातक छात्र विरोध प्रदर्शन के बाद हसीना के खिलाफ दायर किया जाने वाला यह पहला मामला था, जिसमें 300 लोग मारे गए थे. 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत पहुंचीं हसीना तब से नई दिल्ली में शरण ले रही हैं. वहीं इस बीच हसीना के सलाहकार सलमान एफ रहमान और पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक को गिरफ्तार कर लिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने उन्हें न्यू मार्केट थाने के एक मामले के सिलसिले में हिरासत में ले लिया, जब वे मंगलवार को राजधानी के सदरघाट इलाके से जलमार्ग से भागने की कोशिश कर रहे थे.