नई दिल्ली: 19 मई को RBI ने फरमान जारी किया था कि 2000 रुपए के नोट का सर्क्युलेशन बंद कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं मार्केट में मौजूद सभी नोटों को लौटाने या बदलवाने के लिए भी आदेश जारी किए गए हैं. जनता अपने नज़दीकी बैंक से इन नोटों को बदलवा सकती है जिसके लिए […]
नई दिल्ली: 19 मई को RBI ने फरमान जारी किया था कि 2000 रुपए के नोट का सर्क्युलेशन बंद कर दिया जाएगा. इतना ही नहीं मार्केट में मौजूद सभी नोटों को लौटाने या बदलवाने के लिए भी आदेश जारी किए गए हैं. जनता अपने नज़दीकी बैंक से इन नोटों को बदलवा सकती है जिसके लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का फैसला लेने के बाद RBI बार-बार दलील दे रहा है. जहां धीरे-धीरे हाई वैल्यू वाले नोटों को बाजार से वापस लिया जा रहा है. इस बीच केंद्रीय बैंक ने दलील दी है कि इतने बड़े नोटों की बाजार में जरूरत ही नहीं थी.
ऐसे में आपको भी जानकर हैरानी होगी कि आज RBI जिन 2 हजार के नोटों को अधिक वैल्यू का बता रहा है कभी उसी RBI ने 5000 रुपये और 10000 रुपये के बड़े नोट छपने की शिफारिश की थी. दरअसल अक्टूबर 2014 में भारतीय रिज़र्व बैंक के अध्यक्ष रहे रघुराम राजन ने ये सुझाव दिया था. उन्होंने 5000 रुपये और 10000 रुपये के बड़े नोट को छापने की सिफारिश की थी जिसे रद्द कर दिया गया है. इसके पीछे रघुराम राजन ने दलील दी थी कि बढ़ती महंगाई की वजह से एक हजार रुपए के नोटों की कीमत कम हो गई है. बेकाबू महंगाई पर काबू पाने के लिए बड़े नोट छपने चाहिए.
सेंट्रल बैंक RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अक्टूबर 2014 में मोदी सरकार को 5 हजार और 10 हजार के नोट छापने की सलाह दी थी। आरबीआई गवर्नर के इस सुझाव को सरकार ने मानने से इंकार कर दिया है। उस वक्त के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार ने इस सिफारिश को खारिज कर दिया क्योंकि वह रीप्लेसमेंट करंसी जल्द चाहती थी, इसलिए सरकार ने 2 हजार रुपए के नोट जारी करने का फैसला लिया गया। हालांकि बाद में साल 2015 में रघुराम राजन ने खुद कहा था कि बड़े मूल्यवर्ग के नोटों के साथ जालसाजी का डर रहता है। जिसके चलते इसे रखना मुश्किल होता है। बड़े नोटों के साथ काला बाजारी आसान हो जाती है। भारत के पड़ोसी देशों से नकदी नोटों की जालसाजी आसान हो जाती है।
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