चंडीगढ़/नई दिल्ली: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं. इस बीच इनखबर आपके लिए हरियाणा के राजनीतिक इतिहास के सियासी किस्से लेकर आया है. यह किस्सा हरियाणा के एक ऐसे नेता का है, जिसने एक बार गुस्से में आकर राज्यपाल को थप्पड़ जड़ दिया था. क्या है पूरा किस्सा- बात हैं साल […]
चंडीगढ़/नई दिल्ली: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं. इस बीच इनखबर आपके लिए हरियाणा के राजनीतिक इतिहास के सियासी किस्से लेकर आया है. यह किस्सा हरियाणा के एक ऐसे नेता का है, जिसने एक बार गुस्से में आकर राज्यपाल को थप्पड़ जड़ दिया था.
बात हैं साल 1982 की. हरियाणा में लोकदल और बीजेपी ने साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. चुनावी नतीजों में कांग्रेस को 90 में से 36 सीटें मिलीं. वहीं, लोकदल और बीजेपी ने कुल 37 सीटें जीतीं. बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों के लिए अब दोनों पक्षों को 16 निर्दलीय की जरूरत थी.
बीजेपी और लोकदल ने मांग की कि सबसे बड़े गठबंधन को पहले सरकार बनाने का मौका दिया जाए. इसके बाद राज्यपाल जीडी तपासे ने बीजेपी-लोकदल के नेताओं को गठबंधन की सरकार बनाने का न्योता दिया. फिर चौधरी देवीलाल के नेतृत्व में दोनों दलों के नेताओं ने राज्यपाल को 37 विधायकों के साथ 8 निर्दलीय विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा.
राज्यपाल ने लोकदल के नेता देवीलाल से कहा कि हम सोमवार को आपकी सरकार को शपथ दिलाएंगे. इसके बाद देवीलाल विधायकों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए हिमाचल लेकर चले गए. इस बीच अगले दिन राज्यपाल ने दिल्ली के हरियाणा भवन में कांग्रेस नेता भजनलाल को सीएम पद की शपथ दिला दी.
देवीलाल को जब यह खबर मिली तो वह भड़क गए. वे अगले दिन सीधे राजभवन पहुंचे और नई सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने लगे. इस दौरान उनकी राज्यपाल तपासे से तीखी बहस भी गई. इस बीच गुस्साए देवीलाल ने तपासे का कॉलर पकड़ा और उन्हें जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. इस घटना के बाद देवीलाल की पूरी देश में आलोलना हुई थी. हालांकि उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई.