नई दिल्ली: भारत सरकार ने साल 2024 के लिए कुल 132 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है. इस वर्ष कुल 110 पद्मश्री, 17 पद्म भूषण और 5 पद्म विभूषण की घोषणा की गई. बता दें कि इन पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले लोगों ने वर्षों तक अपने क्षेत्र में काम किया है, और जनसंपर्क के […]
नई दिल्ली: भारत सरकार ने साल 2024 के लिए कुल 132 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है. इस वर्ष कुल 110 पद्मश्री, 17 पद्म भूषण और 5 पद्म विभूषण की घोषणा की गई. बता दें कि इन पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले लोगों ने वर्षों तक अपने क्षेत्र में काम किया है, और जनसंपर्क के लिए पद्मविभूषण देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को सौंपने की घोषणा की गई. तो आइए जानते हैं वेंकैया नायडू के बारे में…
दरअसल मुप्पावरापु वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गाँव चावाटापलेम में हुआ था, और उनके पिता का नाम रंगैया नायडू और माता का नाम रामानाम्मा है. साथ ही नेल्लोर के.वी.आर. कॉलेज से आगे बढ़ने के बाद उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से एलएलबी की डिग्री पूरी की, और अप्रैल 1971 में उषा से शादी हुई और अब उनकी एक बेटी और एक बेटा है.
नायडू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी. साथ ही वेंकैया नायडू अपने छात्र जीवन से ही किसानों और समाज के वंचित वर्गों की चिंताओं के मुखर समर्थक रहे हैं. दरअसल वेंकैया बेहद प्रभावशाली नेता और वक्ता के तौर पर जाने जाते हैं. वो भ्रष्टाचार और क्रूरता के बारे में खुलकर बोलते थे. आपातकाल के दौरान वो कुछ दिनों तक जेल में भी रहे. साथ ही वो एक स्पष्ट लेखक भी हैं, और उन्होंने कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में योगदान भी दिया है.
दरअसल आंध्र प्रदेश में भाजपा नेता के रूप में उन्होंने राज्य के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी के जमीनी स्तर के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए काम किया है. हालांकि भाजपा नेता के रूप में वेंकैया नायडू ने पार्टी को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अपने तीन दशक के सार्वजनिक जीवन में नायडू ने कई पदों पर रहकर इस देश की सेवा की है.,
1. शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में हुई थी.
2. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहे और कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष भी बने.
3. 1972 में जय आंध्रा आंदोलन से नेता के रूप में मशहूर हुए थे .
4. 1974 में जयप्रकाश नारायण की छात्र संघर्ष समिति में आंध्र प्रदेश के संयोजक बने, और इमरजेंसी का विरोध करने के लिए 1977-80 तक जेल में रहे.
5. सिर्फ29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने.
6. 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता बने.
7. 1998 में पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए, उसके बाद 2004 और 2010 में भी उसी राज्य से सदन पहुंचे, और चौथी बार 2016 में इस सदन के लिए उन्हें राजस्थान से चुना गया.
8. 1996-2000 तक पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे, इस दौरान उनकी हिंदी पर मास्टरी और प्रेस कांफ्रेंस में उनके चुटीले अंदाज ने उन्हें राष्ट्रीय मीडिया का प्रिय बना दिया, और इसी खूबी के कारण वो दक्षिण के एकमात्र नेता हैं, जिनकी उत्तर भारत की रैलियों में भी भारी भीड़ जुटती है.
9. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में ग्रामीण विकासके के मंत्री रहे. ये कुर्सी मिली लेकिन उसी साल आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
11. 2014 के आम चुनाव में पार्टी की जीत के बाद केंद्र में शहरी विकास मंत्री बने.
12. अगस्त, 2017 से अगस्त 2022 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे.