नई दिल्ली, वन रैंक वन पेंशन (One Rank One Pension) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन मामले में सरकार ने मनमानी भरी फैसला नहीं लिया है. पीठ ने आगे कहा कि सरकार का फैसला किसी भी संवैधानिक कमी से ग्रसित नहीं है. इस मामले में सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बीते महीने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा था. वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी इस मामले में भारतीय सैनिक आंदोलन के पक्ष से पेश हुए थे. पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा था कि जो भी फैसला लिया जाएगा वो आंकड़ो के आधार पर नहीं सिर्फ वैचारिक आधार पर होगा. पीठ ने इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि योजना में सरकार की तरफ से जो गुलाबी तस्वीर पेश की गई थी, उससे सच्चाई बहुत अलग है.
गौरतलब है कि 7 नवंबर 2011 को यूपीए की तत्कालीन केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन इस फैसले को लागू करने में 4 साल से भी अधिक वक्त लग गया. 2015 में इस फैसले को एनडीए सरकार द्वारा लागू किया गया. बता दे कि इस योजना में 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त हुए सैन्यबल ही शामिल होते है.
बता दे कि पूर्व सैनिकों की एस संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वन रैंक वन पेंशन योजना का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है और इस योजना की हर समीक्षा हर साल होनी चाहिए. संस्था ने दावा करते हुए ये कहा था कि अभी अलग-अलग समय पर रिटायर हुए सैन्य कर्मियों को अलग पेंशन मिल रही है।
YouTuber नलिनी उनागर ने पिछले तीन वर्षों में 8 लाख रुपये से अधिक का निवेश…
लोगों के ऊपर आज के समय में सेल्फी लेने का ऐसा क्रेज है, जिसके लिए…
भरी बाई जोशी की सोमवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। परिवार के सदस्य उन्हें…
कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को अंतरिम जमानत दे दी है। यह…
धार्मिक मान्यताओं और पुराणों में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का संबंध बहुत गहरा है।…
आइए जानते हैं उन प्रमुख फिल्मों के बारे में, जो 2025 में सिनेमाघरों में दस्तक…