रामायण पर बनी पहली फ़िल्म जिसमें राम बने थे सीता, मज़ेदार है किस्सा

नई दिल्ली: इस समय आदिपुरुष को लेकर चर्चा तेज है जहां आज इस फ़िल्म का ट्रेलर सामने आ गया है. आदिपुरुष के ट्रेलर को काफी सराहना भी मिल रही है. रामायण का बदला हुआ स्वरूप दर्शकों को भी बेहद पसंद आ रहा है. हालांकि ये पहली बार नही है जब हिंदू ग्रंथ रामायण पर कोई […]

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रामायण पर बनी पहली फ़िल्म जिसमें राम बने थे सीता, मज़ेदार है किस्सा

SAURABH CHATURVEDI

  • May 9, 2023 9:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: इस समय आदिपुरुष को लेकर चर्चा तेज है जहां आज इस फ़िल्म का ट्रेलर सामने आ गया है. आदिपुरुष के ट्रेलर को काफी सराहना भी मिल रही है. रामायण का बदला हुआ स्वरूप दर्शकों को भी बेहद पसंद आ रहा है. हालांकि ये पहली बार नही है जब हिंदू ग्रंथ रामायण पर कोई फ़िल्म बनी है.

1917 में पहली बार स्क्रीन पर रामायाण

1917 में पहली बार दर्शकों ने सिल्वर स्क्रीन पर रामायण का दीदार किया था. उस दौर में रामायण जैसा कुछ स्क्रीन पर देखना दर्शकों के लिए अलग अनुभव था. क्योंकि ये सिनेमा का शुरुआती दौर था तो लोगों को रामायण को बतौर फ़िल्म देखना मजेदार अनुभव लगा.

भारतीय सिनेमा में पहली बार डबल रोल

हिंदी सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के ने इस फ़िल्म को लिखा और निर्देशित किया था. इस फ़िल्म में अन्ना सालुंके और गणपत जी मुख्य किरदारों में थे जहां खास बात ये थी कि भगवान राम की भूमिका में दिखाई दिए सालुंके ना केवल राम बने थे बल्कि वो सीता के किरदार में भी नज़र आए. जहां गणपत जी हनुमान की भूमिका में थे. ये एक मूक और ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्म थी जिसमें भारतीय सिनेमा में पहली बार डबल रोल किया गया था.

फिल्म ने बनाए थे कई सारे रिकॉर्ड

फ़िल्म में लंका दहन का सीन दर्शकों की इतना पसंद आया कि दर्शक स्क्रीन देखकर हैरान हो जाया करते थे. लोग भगवान राम के नज़र आते ही जूते चप्पल उतार लिया करते और प्रणाम किया करते. फ़िल्म इतनी हिट गई कि टिकट काउंटर के सिक्कों को बैल गाड़ी की मदद से प्रोड्यूसर ऑफिस तक पहुंचाया जाता. मुंबई के मैजिकल सिनेमा के बाहर लंबी लाइनें लगने लगती लोग टिकट के लिए लड़ मरने पर राजी थे. 23 हफ्तों तक मुंबई के महज एक थिएटर में ये फ़िल्म रही जो उस दौर के हिसाब से रिकॉर्ड था.

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