पत्रकारों से बात करते हुए दलाई लामा ने कहा कि इस उम्र में अमेरिका की यात्रा करना संभव नहीं है, इसलिए उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से दिल्ली में मुलाकात की. उन्होंने कहा कि बातचीत में भविष्य की बातों को लेकर चर्चा की गई. दलाई लामा ओबामा मेरे बेहद प्रिय हैं. मुलाकात के दलाई लामा ने इस मुलाकात को पुराने और भरोसेमंदर मित्रों का पुनर्मिलन कहा. दोनों के बीच हुए कुछ समय के मुलाकात के बाद दलाई लामा वापस नई दिल्ली से धर्मशाला को लौट गए.
नई दिल्ली: भारत यात्रा पर आए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा से नई दिल्ली में मुलाकात की. मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए दलाई लामा ने कहा कि इस उम्र में अमेरिका की यात्रा करना संभव नहीं है, इसलिए मुझे लगा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से यहीं मुलाकात कर लेनी चाहिए. दलाई लामा ने कहा कि बातचीत में भविष्य की बातों को लेकर चर्चा की गई. दलाई लामा ने कहा कि ओबामा मेरे बेहद प्रिय हैं. मुलाकात के दलाई लामा ने इस मुलाकात को पुराने और भरोसेमंदर मित्रों का पुनर्मिलन कहा. उन्होंने कहा कि ओबामा के साथ मुलाकात में हम दोनों ने दुनिया भर के लोगों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देने की जरुरत पर चर्चा की. लोगों के बीच फैली असमानता काफी दुखद है।
दोनों के बीच हुए कुछ समय के मुलाकात के बाद दलाई लामा वापस नई दिल्ली से धर्मशाला को लौट गए. बता दें कि दलाईलामा शुक्रवार सुबह ही दिल्ली आए थे और मुलाकात के बाद धर्मशाला लौट गए. भेंट के बाद दलाई लामा चार्टर प्लेन से गगल एयरपोर्ट पहुंचे.
बता दें कि दोनों नोबेल पुरस्कार विजेताओं की यह छठवीं मुलाकात है जबकि ओबामा के राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद से यह दोनों की पहली मुलाकात है. गौरतलब है कि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा वर्तमान में अपने विश्व दौरे पर हैं और इस दौरान वे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं.
The Dalai Lama met former US President Barack Obama in New Delhi, yesterday. (Photo credit: Tenzin Taklha) pic.twitter.com/aoaLTMwlhP
— ANI (@ANI) December 2, 2017
भारत आने से पहले बराक ओबामा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने अमेरिका और चीन के बीच संपर्क और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. जिनपिंग ने ओबामा से कहा था कि चीन और यूएस पर दुनिया में शांति और स्थिरता की रक्षा करने, तथा वैश्विक विकास को बढ़ावा देने की खास जिम्मेदारी है.
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