नई दिल्ली। अमेरिका के ऊपर मंडरा रहे चीन के जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी वायुसेना ने हाल में मार गिराया है। गुब्बारे की गहन जांच की जा रही है, जिसमें कई सारे खुलासे हो रहे हैं। चीन के जासूसी गुब्बारे के बारे में कई ऐसे राज पता चले हैं, जो काफी चौंकाने वाले हैं। 40 देशों […]
नई दिल्ली। अमेरिका के ऊपर मंडरा रहे चीन के जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी वायुसेना ने हाल में मार गिराया है। गुब्बारे की गहन जांच की जा रही है, जिसमें कई सारे खुलासे हो रहे हैं। चीन के जासूसी गुब्बारे के बारे में कई ऐसे राज पता चले हैं, जो काफी चौंकाने वाले हैं।
चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराने के बाद इसकी गहन जांच चल रही है और चीन के चालबाजियों से धीरे-धीरे पर्दाफाश हो रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया चीन इस गुब्बारे का पूरा कंट्रोल चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए के हाथों में था। विदेश विभाग की तरफ से ये भी कहा गया कि, ‘ हम जानते हैं पीआरसी ( पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ) इस तरह के कई निगरानी गुब्बारों को पांच महाद्वीप के 40 से अधिक देशों के ऊपर फैलाया है। ‘ अमेरिका की सरकार उन 40 देशों से सीधा संवाद कर रही है।
बता दें कि गुब्बारे को मार गिराने के बाद अमेरिका की तैयारी अब पीएलए और उनसे जड़ी कई चीनी संस्थाओं के ऊपर कार्रवाई करने की है, जिन्होंने जासूसी गुब्बारे को घुसपैठ कराने में मदद की है।
अमेरिकी वायुसेना ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था। जासूसी गुब्बारे को उत्तरी अमेरिका में संवेदनशील सैन्य स्थानों को पार करने के बाद निशाना लगाया था। जब ये स्पाई बैलून अटलांटिक महासागर के ऊपर पहुंचा था तो इसको निशाना लगाया गया। बताया जा रहा है कि बैलून का साईज तीन बसों के बराबर था।
एक समाचार चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक इस गुब्बारे का वजन हजारों किलो था। इसमें खुद को भी तबाह करने के लिए विस्फोटक भी लगा हुआ था। हालांकि इससे पहले अमेरिका के एफ-22 फाइटर जेट ने इसे मार गिराया। फिलहाल अमेरिकी अधिकारी अब इसके मलबे को दक्षिणी कैरोलिना में समुद्र के अंदर से निकाल रहे हैं। अमेरिका और चीन के बीच इस चीनी जासूसी गुब्बारे से रिश्ते काफी खराब हो गए हैं। इतना ही नहीं इस मामले को देखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी चीन यात्रा तक को स्थगित कर दिया है।
जासूस गुब्बारे को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ये एक सिविल यूज बैलून था, इसका इस्तेमाल मौसम से जुड़ी रिसर्च करने के लिए किया जाता है। बैलून दिशा भटककर अमेरिकी एयरस्पेस में पहुंच गया। चीन ने इसके लिए खेद भी जताया था। वहीं, अमेरिका को चीन की ये सफाई रास नहीं आ रही है।