नई दिल्ली. दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भगवंत मान ने संसदीय समिति के सामने काले कानूनों के खिलाफ दिए अपने बयान को मीडिया के रखते हुए कहा कि विरोधी पार्टियां आम आदमी पार्टी के बारे में झूठ फैलाकर लोगों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. यह उनकी सोची-समझी चाल है. आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने खाद्य उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण मामलों पर बनी संसद की स्थायी समिति की कार्यवाही रिपोर्ट (मिनटों) को सार्वजनिक किया और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को कैबिनेट मीटिंग और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से काले कानूनों पर बनी हाई पॉवर कमेटी की कार्यवाही रिपोर्ट सार्वजनिक करने की चुनौती दी.
उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत रखा गया सरकार का प्रस्ताव गरीबी को और बढ़ा देगा. कानून में प्याज और टमाटर को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने के कारण गरीबों का जीवन-यापन कठिन हो जाएगा. इस अधिनियम के लागू होने से जमाखोर खाद्द सामानों का भारी मात्रा में संग्रहण करेंगे और बाद में अत्यधिक कीमतों पर उसे बेचें देंगे, जिससे महंगाई बढ़ेगी और आम आदमी का जीवन मुश्किल हो जाएगा. बैठक में उन्होंने कहा कि पंजाब में बड़ी मात्रा में आलू का उत्पादन होता है. कभी-कभी किसान आलू को कोल्ड स्टोरेज से नहीं निकालते हैं, क्योंकि निकालने की कीमत से कम कीमत आलू की बाजार में मिलती है. फिर आलू की कमी होने पर जमाखोर उसी आलू को ऊंचे दामों पर बेच देते हैं.
भगवंत मान ने हरसिमरत कौर बादल को चुनौती दी
उन्होंने हरसिमरत कौर बादल को चुनौती दी कि वे 5 जून 2020 को हुई कैबिनेट मीटिंग की कार्रवाही को सार्वजनिक करें, ताकि जनता को पता चल सके कि आखिर कैबिनेट मीटिंग में काले कानूनों पर उनकी क्या राय थी? क्योंकि उसी कैबिनेट मीटिंग के बाद ऑर्डिनेंस के जरिए इस काले कानूनों को लाया गया था. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने निजी हितों के लिए दोगली राजनीति नहीं करती है. हरसिमरत बादल पर आरोप लगाते हुए मान ने कहा कि जब वे मोदी सरकार में मंत्री थे, तो वे इन काले कानूनों की प्रशंसा किया करते थे और लोगों को बताते थे कि यह कानून किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है. उन्होंने चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से इन काले कानूनों की तारीफ में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करवाई थी. इतना सब करने के बाद अब ये लोग किसानों के समर्थक होने का दिखावा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वास्तव में आम आदमी पार्टी को लोगों से मिल रहे भारी समर्थन के कारण कांग्रेस और अकाली दल बौखलाहट में है. बाघा पुराना में हुए आप के किसान महासम्मेलन के बाद कांग्रेसियों और अकालियों की नींद उड़ गई है. इसलिए ये दोनों पार्टियां हमें बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार करने में लगी हुई है. आम आदमी पार्टी पहले ही दिन से इन काले कानूनों का विरोध कर रही है. सड़क से लेकर संसद तक हम इसका विरोध कर रहे हैं. हम किसानों के सेवक की तरह काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.
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