नई दिल्ली : राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में केवल जुमलों का प्रयोग किया गया है. कोरोना में मजदूरों के लिए संजीवनी साबित हुई मनरेगा योजना में सरकार ने 30 हजार करोड़ रूपए कम कर दिए है. जिससे साबित होता है कि इस बजट से […]
नई दिल्ली : राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में केवल जुमलों का प्रयोग किया गया है. कोरोना में मजदूरों के लिए संजीवनी साबित हुई मनरेगा योजना में सरकार ने 30 हजार करोड़ रूपए कम कर दिए है. जिससे साबित होता है कि इस बजट से गरीबों और किसानों को कुछ नहीं मिला.
सीएम गहलोत ने कहा कि कृषि और कल्याण से संबंधित सारी थोथी घोषणाएं की गई है. यूरिया सब्सिडी मद में पिछले साल की तुलना में इस बार 15 प्रतिशत की कमी कर दी गई है. सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं की उपेक्षा की है. मंहगाई पर काबू करने के लिए सरकार के पास कोई पॉलिसी नहीं है.इस बजट में राजस्थान को कुछ नहीं मिला. चुनाव के देखते हुए सरकार ने कर्नाटक को भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में 5300 करोड़ दिया है. मोदी सरकार ने राजस्थान के साथ सौताला व्यवहार किया है.
समाजवादी पार्टी की नेता और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यह बजट चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया है. मीडिल क्लास को थोड़ी राहत मिली है लेकिन वे भी आटे में चुटकी भर नमक के बराबर. सरकार ने किसानों और नौजवानों को नजरअंदाज किया है. इसी के साथ रेलवे को भी कुछ नहीं मिला. इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है, किसानों के लिए एमएसपी की बात नहीं की गई है. भारत की आधी से अधिक आबादी गांव में रहती है लेकिन उसको ध्यान में नहीं रखा गया, उनके लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि ये अमृतकाल का पहला बजट है. कोरोना के कारण पूरी दुनिया में इकोनॉमी गिरी लेकिन हमारा यहां की इकोनॉमी मजबूत हुई. सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि कोरोना के समय सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया गया. सरकार ने प्रयास किया कि देश में कोई भी आदमी भूखा न सोए. सरकार ने बजट में महिलाओं और पिछड़ों को भी ध्यान रखा है.
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