लखनऊ: यूपी में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की जारी अनबन की खबरों पर मंगलवार को उस वक्त थोड़ा बहुत विराम लगा, जब उप-मुख्यमंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल होने पहुंचे. बताया गया कि सीएम और डिप्टी सीएम के बीच की सियासी खींचतान अब खत्म हो […]
लखनऊ: यूपी में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की जारी अनबन की खबरों पर मंगलवार को उस वक्त थोड़ा बहुत विराम लगा, जब उप-मुख्यमंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल होने पहुंचे. बताया गया कि सीएम और डिप्टी सीएम के बीच की सियासी खींचतान अब खत्म हो गई है. हालांकि अभी तीन ऐसे सवाल हैं, जिनेके जवाब मिलना बाकी है.
1- क्या सच में योगी और केशव के रिश्ते ज्यादा बिगड़ गए हैं?
2- क्या यूपी में मंत्री-विधायक दो गुट में बंट गए हैं?
3- क्या भाजपा आलाकमान यूपी में कोई बड़ा बदलाव करने वाला है?
इन तीनों सवालों पर यूपी के सियासी गलियारों में चर्चा जारी है. कहा जा रहा है कि सीएम योगी की कैबिनेट बैठक में केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक का पहुंचना सिर्फ ऊपरी दिखावा भर था. अंदरखाने अभी भी सीएम और डिप्टी सीएम के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. बताया ये भी जा रहा है कि केशव मौर्य आने वाले वक्त में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के शह पर कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की अनबन की खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी. बताया गया कि आम चुनाव में यूपी में लगे झटके बाद केशव मौर्य ने सीएम योगी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बगावत में केशव के साथ उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी शामिल हैं. मौर्य और पाठक ने योगी सरकार की कैबिनेट बैठकों से दूरी बनानी शुरू कर दी. उन्होंने सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कई कैबिनेट बैठकों में हिस्सा नहीं लिया.
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