नई दिल्ली: तारीख- 19 सितंबर, 1965. जगह- अहमदाबाद, गुजरात. भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था. इस बीच गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंतराव मेहता एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अहमदाबाद से द्वारका के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते हैं. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी सरोजबेन, तीन सहयोगी और एक पत्रकार […]
नई दिल्ली: तारीख- 19 सितंबर, 1965. जगह- अहमदाबाद, गुजरात. भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था. इस बीच गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंतराव मेहता एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अहमदाबाद से द्वारका के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भरते हैं. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी सरोजबेन, तीन सहयोगी और एक पत्रकार भी थे.
इस बीच उड़ान के दौरान आसमान के सीएम मेहता के हेलीकॉप्टर के पायल जहांगीर जंगू को एक संकेत मिलता है. यह संकेत था उनका पीछा कर रहे पाकिस्तानी पायलट कैस हुसैन का. इस बीच पाकिस्तानी फायटर प्लेन ने हेलीकॉप्टर पर दो फायर कर दिया. जिसके बाद चंद सेकेंड में ही मुख्यमंत्री मेहता का हेलीकॉप्टर आग के गोले में बदल गया.
इस घटना में गुजरात के सीएम बलवंतराय मेहता, उनकी पत्नी, तीन सहयोगी, एक पत्रकार और हेलीकॉप्टर के पायलट की मौत हो जाती है. कई सालों बाद एक न्यूज चैनल से बात करते हुए पाकिस्तानी फायटर प्लेन के पायलट कैस हुसैन ने घटना पर दुख जताया था. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने अपने कंट्रोलर से कहा था कि यह एक असैनिक जहाज है, फिर भी उन्हें विमान को शूट करने का आदेश मिला.