नई दिल्लीः देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा जा चुका है। पद के दावेदारी के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच आमने-सामने की टक्कर है। ऐसे में नए कांग्रेस अध्यक्ष की चुनौती कांग्रेस को मजबूत करने के साथ-साथ पार्टी को एकजुट करने की भी रहेगी। आइये […]
नई दिल्लीः देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा जा चुका है। पद के दावेदारी के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच आमने-सामने की टक्कर है। ऐसे में नए कांग्रेस अध्यक्ष की चुनौती कांग्रेस को मजबूत करने के साथ-साथ पार्टी को एकजुट करने की भी रहेगी। आइये जानते हैं कांग्रेस अध्यक्ष को पद के साथ मिलने वाली चुनौतियों के बारे में।
हालांकि बीते समय की घटनाओं पर नजर डालें, तो पता लगता है कि कांग्रेस में एक तरह का जेनरेशन गैप बना है। जिसे युवा नेता राहुल गांधी नये नेताओं का दिशा निर्देश करते रहें है, वही पार्टी के वरिष्ठ नेता अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के इर्द – गिर्द चक्कर लगाते नजर आते हैं। हाल ही में कांग्रेस से अलग होने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस विषय पर अपनी चिंताएं व्यक्त की थी।
नए कांग्रेस अध्यक्ष को पद के साथ कड़ी चुनौतीयां भी मिलेगी, जिनमें से सबसे प्रमुख पार्टी में उठ रहे बगावतीं सुरों को बंद करने के साथ ही एकजुट करने के प्रयास भी करने होगें। वहीं दूसरी ओर पार्टी से नेताओं का लगातार पलायन जारी है। हाल ही में जी-23 गुट से शशि थरूर भी उन्हें चुनौती दे रहे हैं। परिणाम के बाद इन गुटों के साधने का प्रयास करना पडे़गा।
एक तरफ राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा जारी है, वहीं पार्टी सहित पूरे देश का ध्यान अध्यक्ष पद के चुनाव की ओर है। नए अध्यक्ष को यात्रा की सपन्नता के साथ- साथ होने वाले गुजरात चुनाव में भी पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी मिलेगी। बता दें कि लगभग 20 सालों से ज्यादा समय से पार्टी गुजरात में विपक्ष की भूमिका में है। इस समय पार्टी के लिए जमीनी स्तर तक के कार्यकर्ता निर्माण के लिए बेहद परिश्रम की आवश्यकता होगी।
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