केंद्र सरकार ने टीवी न्यूज़ चैनलों की रिपोर्टिंग पर जताई आपत्ति, जारी की ये सख्त एडवाइजरी

नई दिल्ली। यूक्रेन-रूस युद्ध और दिल्ली दंगों के टेलीविजन कवरेज पर आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को न्यूज चैनलों को सख्त एडवाइजरी जारी की. सरकार ने उन्हें संबंधित कानूनों द्वारा निर्धारित कार्यक्रम कोड का पालन करने के लिए कहा है. यूक्रेन-रूस और दिल्ली हिंसा की रिपोर्टिंग पर आपत्ति केंद्र सरकार ने यूक्रेन-रूस युद्ध […]

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केंद्र सरकार ने टीवी न्यूज़ चैनलों की रिपोर्टिंग पर जताई आपत्ति, जारी की ये सख्त एडवाइजरी

Pravesh Chouhan

  • April 23, 2022 5:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। यूक्रेन-रूस युद्ध और दिल्ली दंगों के टेलीविजन कवरेज पर आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार ने शनिवार को न्यूज चैनलों को सख्त एडवाइजरी जारी की. सरकार ने उन्हें संबंधित कानूनों द्वारा निर्धारित कार्यक्रम कोड का पालन करने के लिए कहा है.

यूक्रेन-रूस और दिल्ली हिंसा की रिपोर्टिंग पर आपत्ति

केंद्र सरकार ने यूक्रेन-रूस युद्ध पर रिपोर्टिंग करते समय समाचार एंकरों द्वारा बढ़ा चढ़ा कर बयानों, बदनाम सुर्खियों और टैगलाइन के विशिष्ट उदाहरणों का हवाला दिया. टीवी चैनलों ने असत्यापित सीसीटीवी फुटेज प्रसारित कर उत्तर पश्चिमी दिल्ली में घटनाओं की जांच प्रक्रिया में बाधा डाली. एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली की घटनाओं पर टेलीविजन चैनलों पर कुछ बहसों में असंसदीय, भड़काऊ और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा का इस्तेमाल किया गया था.

क्या है मामला

पिछले हफ्ते हनुमान जयंती जुलूस के दौरान, उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी में जिस तरह से टेलीविजन चैनलों पर सामग्री प्रसारित की जा रही है, उस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. इसने चैनलों को दृढ़ता से सलाह दी कि वे केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 और उसके तहत नियमों का पालन करें.किसी भी उल्लंघनकारी सामग्री को प्रकाशित और प्रसारित करने से तुरंत बचना चाहिए.

अधिनियम के तहत कार्यक्रम संहिता की धारा 6 में कहा गया है कि केबल सेवा में कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा जो शालीनता के विरुद्ध हो. संबद्ध आलोचना, जिसमें धर्मों या समुदायों पर हमले, या ऐसे विचार या शब्द शामिल हैं जो धार्मिक समूहों का तिरस्कार करते हैं या जो सांप्रदायिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं. जिसमें अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर, झूठे और विचारोत्तेजक संकेत और अर्धसत्य शामिल हैं.

एडवाइजरी में कहा गया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर रिपोर्टिंग करते समय यह देखा गया है कि चैनल झूठे दावे कर रहे हैं और अक्सर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों या अभिनेताओं को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. यह भी देखा गया कि इन चैनलों के कई पत्रकारों और समाचार एंकरों ने दर्शकों को उकसाने के इरादे से ‘मनगढ़ंत और अतिरंजित’ बयान दिए.

एडवाइजरी में ‘जेलेंस्की को परमाणु पुतिन की चिंता’, ‘जेलेंस्की को परमाणु कार्रवाई की चिंता’ जैसी टैगलाइन या सुर्खियों के इस्तेमाल के उदाहरण भी दिए गए हैं.अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के असत्यापित दावे को गलत तरीके से यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया था.

एडवाइजरी में कहा गया है कि एक चैनल ने यूक्रेन पर आगामी परमाणु हमले का सबूत होने का दावा करते हुए मनगढ़ंत तस्वीरें प्रसारित की हैं. इसका उद्देश्य विशुद्ध रूप से दर्शकों को गुमराह करना और उनमें मनोवैज्ञानिक उथल-पुथल पैदा करना है.

दिल्ली दंगों पर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक समाचार चैनल पर एक विशेष समुदाय के एक व्यक्ति के बार-बार तलवार पकड़े हुए वीडियो क्लिपिंग और दूसरे चैनल द्वारा किए गए दावों पर आपत्ति जताई है कि धार्मिक जुलूसों को लक्षित करने वाली हिंसा पूर्व नियोजित थी.मंत्रालय ने निजी टीवी चैनलों को असंसदीय, भड़काऊ और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा, सांप्रदायिक टिप्पणियों और अपमानजनक संदर्भों वाले प्रसारण बहस के खिलाफ आगाह किया है, जो दर्शकों पर नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाल सकता है और सांप्रदायिक वैमनस्य और बड़े पैमाने पर भड़का सकता है लेकिन शांति भंग कर सकता है.

 

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