मोदी सरकार: कोई कानूनी गारंटी नहीं, एमएसपी में रिकॉर्ड हुई बढ़ोतरी! कृषि क्षेत्र की वित्तीय स्थिति बेहतर बनाने पर हुआ काम

नई दिल्ली: आंदोलनरत किसानों और सरकार के बीच गतिरोध सुलझाने में सबसे बड़ी बाधा एमएसपी खरीद की कानूनी गारंटी है. सच्चाई ये है कि मोदी सरकार के दौरान न केवल एमएसपी की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, बल्कि बड़ी संख्या में किसानों को सरकारी खरीद में भी शामिल किया गया है, और पिछले 10 […]

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मोदी सरकार: कोई कानूनी गारंटी नहीं, एमएसपी में रिकॉर्ड हुई बढ़ोतरी! कृषि क्षेत्र की वित्तीय स्थिति बेहतर बनाने पर हुआ काम

Shiwani Mishra

  • February 16, 2024 8:27 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली: आंदोलनरत किसानों और सरकार के बीच गतिरोध सुलझाने में सबसे बड़ी बाधा एमएसपी खरीद की कानूनी गारंटी है. सच्चाई ये है कि मोदी सरकार के दौरान न केवल एमएसपी की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, बल्कि बड़ी संख्या में किसानों को सरकारी खरीद में भी शामिल किया गया है, और पिछले 10 सालों में अनाज भंडारण क्षमता में भी रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है.

मोदी सरकार के कार्यकाल में 5,44,332 करोड़ रूपए किए खर्च

एमएसपी पर फसलों की खरीद में मोदी सरकार ने बनाया नया रिकॉर्ड - MSP new recod  created by modi government -

मोदी सरकार के कार्यकाल में 5,44,332

बता दें कि 10 साल में धान के एमएसपी पर करीब 64 फीसदी और गेहूं पर 58 फीसदी की बढ़त हुई है. मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के 10 साल की तुलना में धान पर किसानों को 7.78 लाख करोड़ और गेहूं पर करीब 3.18 लाख करोड़ का अधिक भुगतान किया गया है. साथ ही यूपीए सरकार में धान के एमएसपी पर 4,40,496.78 करोड़ की तुलना में मोदी सरकार में 12,18,156 करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई है. दरअसल गेहूं पर यूपीए सरकार में करीब 2,26,813 करोड़, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 5,44,332 करोड़ रूपए खर्च किए गए है.

100 % से अधिक की बढ़त दर्ज की गई है

मोदी सरकार के कार्यकाल में अन्न भंडारण क्षमता में भी100 % से अधिक की बढ़त दर्ज की गई है. इसके साथ ही सरकार ने बीते साल सहकारिता क्षेत्र में 700 लाख टन अन्न भंडारण क्षमता विकसित करने की योजना शुरू की गई है. बता दें कि श्रीअन्न मतलब मोटे अनाज की मांग दुनिया में बढ़ रही है, और बीते साल प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज साल एलान हुआ है. हालांकि सरकार के प्रयासों से इसी साल श्रीअन्न का उत्पादन 17.32 लाख टन रहा है.

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