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श्रीनगर के 700 साल पुराने मंदिर में एक बार फिर से बजेगी घंटी, जानिए क्या है प्लान ?

नई दिल्ली: श्रीनगर के ख़ूबसूरत शहर में मंगलेश्वर भैरव मंदिर स्थित है, जो कि 700 साल पुराना बताया जाता है. इस मंदिर से कई कश्मीरी पंडितों की आस्था जुड़ी हुई है. बता दें कि 1990 के दशक में जब आतंकवाद का दौर शुरू हुआ तो कश्मीरी पंडितों ने वहां से भागना शुरू कर दिया और […]

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श्रीनगर के 700 साल पुराने मंदिर में एक बार फिर से बजेगी घंटी, जानिए क्या है प्लान ?
  • March 7, 2023 12:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: श्रीनगर के ख़ूबसूरत शहर में मंगलेश्वर भैरव मंदिर स्थित है, जो कि 700 साल पुराना बताया जाता है. इस मंदिर से कई कश्मीरी पंडितों की आस्था जुड़ी हुई है. बता दें कि 1990 के दशक में जब आतंकवाद का दौर शुरू हुआ तो कश्मीरी पंडितों ने वहां से भागना शुरू कर दिया और वक्त गुजरने के साथ-साथ सुबह और शाम बजने वाले घंटीयां खामोश हो गई, फिर धीरे-धीरे मंदिरों की हालत खंडहर में तब्दील होने लगी. इन मंदिरों में प्राचीन काल के ऐतिहासिक मंदिर भी शामिल थे, लेकिन अब इन मंदिरों को फिर से तैयार करने के लिए जम्मू-कश्मीर का प्रशासन ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. खंडहर में तब्दील हो चुके इन मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। 700 साल पुराने मंगलेश्वर मंदिर को फिर से उसी अवस्था में लाने के लिए दोबारा तैयार किया जा रहा है।

मंदिर की डिजाइन में नहीं होगा बदलाव

श्रीनगर के इस भैरव मंदिर का निर्माण कार्यक्रम पिछले एक महीने से चल रहा है. इस भैरव मंदिर में करीब 40 मजदूर दिन रात काम कर रहे हैं. खास बात यह है कि इस मंदिर में पुराने जमाने के मेटेरियल जैसे चूना, महाराजा ईंट और कश्मीरी लकड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मंदिर को 1.62 लाख रुपये की लागत से दोबारा तैयार किया जा रहा है।

पुराने तर्ज पर मंदिर को किया जा रहा है तैयार

इस मंदिर को उसी रंग रूप में तैयार करने वाले आर्किटेक्ट मोहम्मद सलीम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस मंदिर में पिछले एक महीने से काम चल रहा है. जिस तर्ज पर पहले मंदिर बना हुआ था उसी तर्ज पर रिनोवेट करके उसी खूबसूरती और भव्यता को हासिल करने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि जो मटेरियल 700 साल पहले इस मंदिर में इस्तेमाल किया गया है हम उसी में मेटेरियल का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस मंदिर के निर्माण के लिए करीब 1.62 लाख की लागत लगेगी और इस मंदिर का काम एक महीने में मुकम्मल होगा।

कांट्रेक्टर शौकत अहमद ने क्या कहा ?

इस मंदिर का निर्माण करने वाले कांट्रेक्टर शौकत अहमद ने बताया कि हम चाहते हैं कि इस मंदिर का काम बहुत जल्दी खत्म हो जाए और आने वाले त्यौहार में लोग यहां आकर प्रार्थना कर सकें. इस मंदिर का काम पुराने तर्ज पर किया जा रहा है और साथ ही एक्सपर्ट कारीगरों की मदद ली जा रही है. यहां के लोग चाहते हैं कि इस मंदिर का काम जल्दी मुकम्मल हो जाए, ताकि पूजा पाठ हो सके और लोग अपने भगवान के सामने जा कर अपने सुख-दुख साझा करके प्रार्थना कर सकें।

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