Valentines Day: इस साल 66% भारतीय ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स के हुए शिकार, पिछले साल 83% भारतीय फंसे थे एआई-वॉयस स्कैम के जाल में

नई दिल्ली: डीपफेक तकनीक की बदौलत भारत में प्रेम घोटाले के मामले अधिक हो गए हैं. इस साल 66 फीसदी भारतीय ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स का शिकार हुए हैं. बता दें कि पिछले साल ये 43 फीसदी था,और कंप्यूटर सुरक्षा कंपनी एमएसआई-एसीआई द्वारा किए गए ऑनलाइन डेटिंग रुझानों के एक अध्ययन में 7 देशों के 7,000 […]

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Valentines Day: इस साल 66% भारतीय ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स के हुए शिकार, पिछले साल 83% भारतीय फंसे थे एआई-वॉयस स्कैम के जाल में

Shiwani Mishra

  • February 14, 2024 11:00 am Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली: डीपफेक तकनीक की बदौलत भारत में प्रेम घोटाले के मामले अधिक हो गए हैं. इस साल 66 फीसदी भारतीय ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स का शिकार हुए हैं. बता दें कि पिछले साल ये 43 फीसदी था,और कंप्यूटर सुरक्षा कंपनी एमएसआई-एसीआई द्वारा किए गए ऑनलाइन डेटिंग रुझानों के एक अध्ययन में 7 देशों के 7,000 लोगों को शामिल किया गया, और अध्ययन के अनुसार देश में 66 फीसदी लोग ऑनलाइन डेटिंग स्कैम का शिकार हो चुके हैं,और 2023 में AI वॉयस धोखाधड़ी में शामिल 83 प्रतिशत लोगों ने अपना पैसा भी खो दिया.

पिछले साल 83% भारतीय फसे थे एआई-वॉयस स्कैम के जाल में

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83% भारतीय फसे थे एआई-वॉयस स्कैम के जाल में

बता दें कि एक्सपोजर मैनेजमेंट कंपनी टेनेबल की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक हाल के सालों में ऑनलाइन डेटिंग एप में बड़ा बदलाव आया है. साथ ही इसमें पारंपरिक रणनीति को जेनरेटिव एआई और डीपफेक जैसी कई एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ हाथ मिलाया गया है. शोध के अनुसार 69 प्रतिशत से अधिक भारतीयों ने कहा कि वो एआई और किसी व्यक्ति की वास्तविक आवाज के बीच अंतर नहीं कर सकते है. उन्होंने कहा कि एआई-जेनरेटेड डीपफेक इतनी सटीकता से काम करती है कि आप असली और नकली की पहचान ही नहीं कर सकते है.

साथ ही ये स्कैम हमेशा फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों पर ही शुरू होते हैं. इसके साथ ही 39 प्रतिशत उपभोक्ता रोमांस स्कैम का शिकार हो चुके हैं, जबकि 26 प्रतिशत अनजाने में एआई बॉट्स से बातचीत कर चुके हैं, और ये सभी आंकड़े ऑनलाइन डेटिंग में शामिल वल्नेरेबिलिटी और फ्रॉड के जोखिम को बता देते हैं. हालांकि रिसर्च में शामिल 65 फीसदी भारतीयों के अनुसार उन्होंने एआई का इस्तेमाल ऑनलाइन पार्टनर खोजने के लिए किया गया है. दरअसल उन्होंने बताया है कि वो चैटजीपीटी जैसे एआई का इस्तेमाल डेटिंग एप के लिए कंटेंट बनाने में कर रहे हैं, और इसमें 56 प्रतिशत वैलेंटाइन डे पर एआई की सहायता से संदेश लिख रहे हैं.

जांच- पड़ताल जरूर करें

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जांच- पड़ताल जरूर करें

ख़बरों के मुताबिक इन कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे बचा भी जा सकता है, और उपभोक्ता कि अगर किसी से ऑनलाइन दोस्ती हुई है, तो उसके भेजे गए लिंक पर क्लिक ना करें. दरअसल अगर किसी तस्वीर पर शंका हो रही है, तो दोबारा जरूर उसकी जांच- पड़ताल करें, और अगर आप किसी शख्स से मिले नहीं हैं, तो उसके लिए तोहफे खरीदने में पैसे बिल्कुल भी बर्बाद न करें, और किसी भी प्रोफाइल या शख्स पर शक होता है, तो आप अपने दोस्तों से इस बारे में बात जरूर करें.

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