नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंक के प्लान को खत्म करने के लिए भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस लगातार ऑपरेशन चला रही है. कश्मीर से भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आतंकियों ने स्थानीय लोगों को निशाना बनाया है. अब ऐसे में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) की मदद से विलेज डिफेंस गार्ड्स […]
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंक के प्लान को खत्म करने के लिए भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस लगातार ऑपरेशन चला रही है. कश्मीर से भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आतंकियों ने स्थानीय लोगों को निशाना बनाया है. अब ऐसे में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) की मदद से विलेज डिफेंस गार्ड्स (VDG) को प्रशिक्षण देकर स्थानीय समुदायों की सुरक्षा बढ़ाने की पहल की है.
सुरक्षा बलों की इस पहल का उद्देश्य इन नागरिकों को हर जरूरी कौशल से लैस करना है, ताकि वे अपने गांवों को आतंकवादियों के खतरों से बचा सकें और पूरे इलाके का सुरक्षा ढांचा मजबूत हो सके.मीडिया के मुताबिक, करीब 600 लोग इस वक्त ऑटोमैटिक राइफल, स्क्वाड पोस्ट ड्रिल और छोटी-छोटी रणनीति को अंजाम देने की ट्रेनिंग ले रहे हैं.
वीडीजी सदस्य आमतौर पर जम्मू क्षेत्र के दूरदराज के इलाकों में आतंकवादियों की तलाश में सुरक्षा बलों की सहायता करते हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हें अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराकर उनकी मांग पूरी की थी. पहले ग्राम रक्षा गार्ड के पास तीन नहीं तीन बंदूकें होती थीं, लेकिन अब वे आधुनिक एसएलआर से लैस हैं. करीब 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान होने जा रहा है. इसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा था कि हम चुनाव में किसी भी तरह की अशांति पैदा करने की कोशिश करने वालों को करारा जवाब देंगे, भले ही दुश्मन आंतरिक हो या बाहरी.
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