SCO समिट: ‘सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं…’, पाकिस्तान के सामने भारत की सीधी बात

नई दिल्ली: शुक्रवार को पणजी में भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने SCO परिषद की बैठक को संबोधित किया. इस दौरान कई देशों के विदेश मंत्री भी मौजूद रहे जिसमें पाकिस्तान से लेकर चीन भी शामिल है. इस बीच भारत के विदेश मंत्री ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और चीन-पाकिस्तान समेत सभी SCO […]

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SCO समिट: ‘सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं…’, पाकिस्तान के सामने भारत की सीधी बात

Riya Kumari

  • May 5, 2023 4:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: शुक्रवार को पणजी में भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने SCO परिषद की बैठक को संबोधित किया. इस दौरान कई देशों के विदेश मंत्री भी मौजूद रहे जिसमें पाकिस्तान से लेकर चीन भी शामिल है. इस बीच भारत के विदेश मंत्री ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और चीन-पाकिस्तान समेत सभी SCO देशों को साफ़ कर दिया कि भारत अपनी सीमा पार से आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.

 

पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा ये

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने SCO समिट में आतंकवाद का मुद्दा उठाया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि हम सबको मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा. आतंकवाद से मुकाबला करना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है जिसे इस तरह हराया नहीं जा सकता है.

इस दौरान जयशंकर ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि ‘जब दुनिया कोविड से लड़ रही थी, आतंकवाद का खतरा बेरोकटोक जारी था, इसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल था.” इस जयशंकर ने आगे कहा कि ”आतंकवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है. इसे सीमा पार आतंकवाद समेत इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए. आतंकवाद का मुकाबला करना SCO के मूल जनादेशों में से एक है.”

पाक के विदेश मंत्री से नहीं मिलाया हाथ

बता दें कि बैठक से पहले एस जयशंकर ने मंच पर सबके सामने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो से दुआ सलामी की, हालांकि उन्होंने हाथ नहीं मिलाया। नमस्ते के दौरान बिलावल ने भी जयशंकर के सामने हाथ जोड़े थे। एस जयशंकर और बिलावल भुट्टो की मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।

SCO को जानें

बता दें, 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस को चीन का डर सताने लगा कि कहीं वह बाकी के छोटे देशों को अपने कब्ज़े में ना कर ले. 1996 में शंघाई शहर में ऐलान किया गया कि शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (Shanghai Cooperation Organization) की स्थापना की जाएगी. इसमें शंघाई 5’. रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान सदस्य देश रहे. उज्बेकिस्तान के जुड़ते ही साल 2001 में इसका नाम बदलकर SCO कर दिया गया. इस संगठन की प्राथमिकता आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाना और धार्मिक कट्टरता को कम करना रही.

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