पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जादवपुर यूनिवर्सिटी में तब विवाद छिड़ गया जब अवसाद से लड़ने के तरीके बताने आए इस्कॉन मंदिर के प्रतिनिधियों ने 'हरे रामा हरे कृष्णा' का जप करना शुरु किया तो कुछ लोग उसे नारे की तरह कहने लगे जिसके बाद लेफ्ट पार्टी के छात्र भड़क गए और विवाद हो गया.
कोलकाता. कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी में हरे रामा हरे कृष्णा की गूंज के बाद विवाद हो गया. दरअसल यूनिवर्सिटी के कैमिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने इस्कॉन के प्रतिनिधियों को अवसाद पर भाषण देने के लिए बुलाया था. प्रोग्राम की शुरुआत में अवसाद से छुटकारे के कई उपाय बताए गए लेकिन कार्य़क्रम के अंत मे इस्कॉन के प्रतिनिधि हरे रामा और हरे कृष्णा का जप करने लगे. जिसके बाद दर्शकों में बैठे लोग भी साथ साथ जप करने लगे लेकिन धीरे- धीरे ये जप मानो नारेबाजी में बदल गया.
कहा जा रहा है कि ये एबीवीपी के कार्य़कर्ता थे जो इस तरह की हरकत कर मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे में लेफ्ट और नक्सल की विचारधारा को मानने वाले छात्र भी भड़क गए और तेजी से इंकलाब जिंदा बाद के नारे के साथ प्रतिक्रिया देने लगे. हालांकि इस्कॉन की ओर से कहा गया है कि हरे रामा हरे कृष्णा के जप का किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. न ही वे किसी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा को नहीं मानते.
बता दें कि दो साल पहले इसी जादवपुर यूनिवर्सिटी में एबीवीपी और लेफ्ट के छात्रों के बीच तब भिड़ंत हो गई थी जब कॉलेज में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जैम’ की स्क्रीनिंग हई थी. एसएफआई और एबीवीपी के छात्रों के बीच भिड़ंत के बीच कुछ छात्रों पर यौन शोषण के आरोप भी लगे थे. लेफ्ट के छात्रों का कहना था कि एबीवीपी यूनिवर्सिटी का भगवाकरण करने में जुटी हुई है.
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