सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार चार वरिष्ठ जजों ने खुलकर मीडिया के सामने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए हैं. इन जजों में जस्टिस चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन जोसफ शामिल हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में जजों के मतभेद बाहर आने से पैदा हालात पर आपातकालीन चर्चा के लिए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को इमरजेंसी मीटिंग के लिए बुलाया है. बीजेपी सांसद और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने चार जजों के प्रेस कॉन्फेंस का स्वागत किया है और प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले को सुलझाने की अपील की है. पढिए इस मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें
नई दिल्लीः देश के इतिहास में शुक्रवार को अभूतपूर्व घटना घटी. सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन जोसफ ने मीडिया को संबोधित किया. जिसमें जजों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था ठीक नहीं चल रह है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बाद इन चार सीनियर जजों का पद आता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस जस्टिस चेलामेश्वर के घर पर आयोजित की गई.
सुप्रीम कोर्ट के जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस की दस बड़ी बातें
ये एक असाधारण घटना है कि हम सीधे मीडिया से बात कर रहे हैंः जस्टिस चेलामेश्वर
जजों ने कहा कि न्यायपालिका की निष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि 20 साल हम पर कोई आरोप लगे.
न्यायिक अनियमित्ताओं पर CJI से बात की थी. आज भी हमने सीजीआई से मुलाकात की है.
हमारे पास मीडिया के सामने आने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था. मुख्य न्यायाधीश पर देश को फैसला करना है.
न्यायपालिका को बचाना जरूरी नहीं तो देश के लोकतंत्र को बचाना बहुत मुश्किल होगा.
सुप्रीम कोर्ट की प्रशासन सही तरीके से काम नहीं कर रहा है, चीफ जस्टिस से कई गड़बड़ियों को लेकर शिकायत की गई.
गड़बड़ियों की शिकायत के बाद भी सीजीआई ने हमारी बात पर ध्यान नहीं दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन में भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई
चेलामेश्वर ने कहा कि हम नहीं चाहते कि हम पर आरोप लगे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है
जजों ने अपनी शिकायतों को लेकर CJI को लिखे पत्र को सार्वजनिक किया है.
चीफ जस्टिस के कामकाज पर सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों ने उठाए गंभीर सवाल
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