Telecom AGR Dues Hearing: सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन ने कहा- खत्म हो चुकी है 15 सालों की कमाई, कोर्ट बोला- अब भेजेंगे जेल

Telecom AGR Dues Hearing: वोडाफोन आइडिया की तरफ से पैरवी कर रहे वकील मुकुल रोहतगी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दशकों से आप घाटे में चल रहे हैं तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर का बकाया कैसे चुकाएंगे?' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर आप हमारे आदेश का पालन नहीं करेंगे तो हम सख्त ऐक्शन लेंगे. उन्होंने बेहद सख्त लहजे में कहा कि अब से जो गलत करेगा, हम उसे सीधे जेल भेज देंगे.

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Telecom AGR Dues Hearing: सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन ने कहा- खत्म हो चुकी है 15 सालों की कमाई, कोर्ट बोला- अब भेजेंगे जेल

Aanchal Pandey

  • July 20, 2020 6:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली: अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वो कंपनी के अधिकारियों को जेल भेज देंगे. कंपनी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि वोडाफोन आइडिया ने पिछले 15 सालों में जितना रेवेन्यू हासिल किया वो सब खत्म हो चुका है ऐसे में एजीआर की रकम तुरंत चुकाना उसके बूते के बाहर की बात है. टेलिकॉम विभाग वोडाफोन आइडिया पर करीब 58 हजार करोड़ रुपये के बकाया का दावा कर रहा है जो मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश 10 अगस्त तक के लिए टाल दिया है.

वोडाफोन आइडिया की तरफ से पैरवी कर रहे वकील मुकुल रोहतगी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दशकों से आप घाटे में चल रहे हैं तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर का बकाया कैसे चुकाएंगे?’ जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर आप हमारे आदेश का पालन नहीं करेंगे तो हम सख्त ऐक्शन लेंगे. उन्होंने बेहद सख्त लहजे में कहा कि अब से जो गलत करेगा, हम उसे सीधे जेल भेज देंगे.

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर जवाब देते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि कंपनी का पूरा का पूरा नेटवर्थ पिछले 15 सालों में खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि कंपनी का पूरा रेवेन्यू कर्ज, टैक्स और बकाया चुकाने में खत्म हो गया है. प्रमोटरों ने 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के शेयर खरीदे थे, वो भी खत्म हो गए हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी ने वित्तीय दस्तावेज, जैसे इनकम टैक्स रिटर्न्स जमा करवा दिए हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सभी टेलिकॉम कंपनियों से पिछले एक दशक में मिला रेवेन्यू और चुकाए गए टैक्स की विस्तृत जानकारी देने को कहा था. वोडाफोन आइडिया को 10 सालों का बैलेंश शीट जमा कराने का निर्देश दिया था.

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