तेलंगाना: दो ट्रांसजेंडर ने रचा इतिहास, सरकारी सेवाओं में शामिल होने वाले बने पहले डॉक्टर

हैदराबाद। तेलंगाना में दो ट्रांसजेंडरों ने पहला ट्रांसजेंडर डॉक्टर बनकर इतिहास रचा है, प्राची राठौड़ और रूथ जॉनपॉल हाल में चिकित्सा अधिकारियों के रूप में सरकारी उस्मानिया जनरल अस्पताल (ओजीएच) से जुड़े। बता दें, राठौड़ को उनकी लैंगिक पहचान की वज़ह से शहर के एक नामी अस्पताल ने नौकरी से निकाल दिया था। उन्होंने आदिलाबाद […]

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तेलंगाना: दो ट्रांसजेंडर ने रचा इतिहास, सरकारी सेवाओं में शामिल होने वाले बने पहले डॉक्टर

Vaibhav Mishra

  • December 3, 2022 2:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

हैदराबाद। तेलंगाना में दो ट्रांसजेंडरों ने पहला ट्रांसजेंडर डॉक्टर बनकर इतिहास रचा है, प्राची राठौड़ और रूथ जॉनपॉल हाल में चिकित्सा अधिकारियों के रूप में सरकारी उस्मानिया जनरल अस्पताल (ओजीएच) से जुड़े। बता दें, राठौड़ को उनकी लैंगिक पहचान की वज़ह से शहर के एक नामी अस्पताल ने नौकरी से निकाल दिया था। उन्होंने आदिलाबाद के एक चिकित्सा महाविद्यालय से 2015 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी, लेकिन जब वह 11वीं-12वीं कक्षा में थी तो उनके सामने सबसे बड़ी चिंता इसी बात को लेकर थी कि अन्य विद्यार्थियों के तानों से कैसे पार पाया जाए। उन्होंने इनसब दिक्कतों के बावजूद पढ़ाई के लिए अपनी मेहनत नहीं छोड़ी और हमेशा अपनी लगन के साथ काम किया।

उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया की सामाजिक दाग और बचपन से उनके साथ होते आये भेदभाव से उन्होंने बेहद बुरा लगता था। उन्होंने आगे कहा, ” आपकी सारी उपलब्धियों के बावजूद दाग और भेदभाव कभी नहीं जाता है। जिस तरह अल्पसंख्यकों पर ठोस कार्यवाही को लेकर विचार किया जाता है, उसी तरह ‘लैंगिक अल्पसंख्यकों’ को प्रोत्साहित करने के लिए ग़ौर किया जाना चाहिए और उन्हें भी इज़्ज़त और गौरव के साथ सामान देना चाहिए।

प्राची ने शेयर किया अपना अनुभव

प्राची ने अपने एक इंटरव्यू में बताया की किसी भी ट्रांसजेंडर के लिए पढाई और एक सफल व्यक्ति बने से भी ज़्यादा ज़रूरी होता है, अपने जीवन को जीना और इस समाज में अपनी एक जगह और इज़्ज़त बनाना। उन्होंने आगे बताया कि अगर सरकार नौकरी एवं शिक्षा में कुछ आरक्षण देने से इस समुदाय को जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। जिस तरह प्रशासन अल्पसंख्यकों पर ठोस कार्यवाही को लेकर विचार करता है, उसी तरह ‘लैंगिक अल्पसंख्यकों’ पर उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए ग़ौर किया जाना चाहिए।

प्राची ने यह भी बताया कि जब प्रशासन ने हमें लैंगिक पहचान की वज़ह से तीसरी श्रेणी में डाला है तो मैं हमारे साथ भेदभाव करने वालों से पूछना चाहती हूं कि पहली और दूसरी श्रेणी क्या है ” और ऐसे कौन-सी चीज़े है जिसके चलते हम आम लोगों और समाज से अलग माने जाते है। हमारे सविधान में भी हमारे लिए भी वह हे अधिकार दिए हुए है जो आम जनता के लिया है या यहां रह रहे लोगों के लिए है। अभी फ़िलहाल प्राची से ही ये जानकारी प्राप्त हुई है दूसरे ट्रांसजेंडर से अभी कोई प्रक्रिया नहीं मिली है।

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