Telangana Govt Sacked 48000 Transporters: तेलंगाना की केसीआर सरकार ने 48 हजार ट्रांसपोर्टरों को नौकरी से निकाला, कहा- हड़ताल करना अपराध, दी है सजा

Telangana Transporter Sacked, Telangana Sarkaar ne Transporteron ko naukri se nikala: तेलंगाना सरकार ने 48 हजार ट्रांसपोर्टरों को नौकरी से निकाल दिया है. मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि, हड़ताल करना अपराध है. सरकार के साथ आरटीसी के विलय की मांग को लेकर सड़क परिवहन निगम के लगभग 50,000 कर्मचारी और कर्मचारी शुक्रवार आधी रात से हड़ताल पर थे. के चंद्रशेखर राव ने सरकार के साथ आरटीसी के विलय को खारिज कर दिया है जैसा कि आंध्र प्रदेश में किया गया था.

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Telangana Govt Sacked 48000 Transporters: तेलंगाना की केसीआर सरकार ने 48 हजार ट्रांसपोर्टरों को नौकरी से निकाला, कहा- हड़ताल करना अपराध, दी है सजा

Aanchal Pandey

  • October 7, 2019 10:02 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

हैदराबाद. तेलंगाना सरकार ने रविवार को तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के 48,000 से अधिक कर्मचारियों और श्रमिकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया, क्योंकि उन्होंने अपनी लंबे समय से लंबित समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य सरकार की चेतावनी के बावजूद हड़ताली कर्मचारियों को दो दिन की हड़ताल में विफल रहने के बाद उनकी बर्खास्तगी का आदेश पारित किया. हड़ताली कर्मचारियों को काम में शामिल होने के लिए शाम 6 बजे (शनिवार) तक का समय दिया गया था.

केसीआर ने कहा कि जब राज्य परिवहन भारी नुकसान में चल रहा था तब कर्मचारियों ने दो दिवसीय हड़ताल में भाग लेकर एक अपराध किया है ये उसकी सजा है. उन्होंने कहा, यह एक अनुचित अपराध है कि वे त्योहारी सीजन के दौरान हड़ताल पर चले गए और ऐसे समय में जब टीएसआरटीसी को 1,200 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो रहा था और इसका कर्ज का बोझ बढ़कर 5,000 करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने बर्खास्त कर्मचारियों के साथ बातचीत की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया. सड़क परिवहन निगम के लगभग 50,000 कर्मचारी शुक्रवार की आधी रात से हड़ताल पर थे, जिसमें सरकार के साथ आरटीसी के विलय और विभिन्न पदों पर भर्ती सहित 26 मांगों की सूची थी.

त्योहारी सीजन के दौरान हजारों लोगों को प्रभावित करते हुए कई राज्य बसें सड़कों से दूर रहीं. राज्य सरकार ने त्योहारी सीजन की भीड़ के लिए 2,500 बसें किराए पर ली हैं. कुछ 4,114 बसों को राज्य गाड़ी की अनुमति दी जाएगी और उन्हें आरटीसी के तहत लाया जाएगा. 15 दिनों में स्थिति स्थिर होने की संभावना है. उच्च न्यायालय ने सरकार की कार्ययोजना की समय सीमा 10 अक्टूबर निर्धारित की है. एक करोड़ से अधिक लोग आरटीसी की 10,400 बसों का उपयोग करते हैं.

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मुख्यमंत्री ने सरकार के साथ आरटीसी से विलय ना होने का फैसला किया है जैसा कि आंध्र प्रदेश में किया गया था.
उन्होंने कहा, सरकार किसी भी अनुशासनहीनता और कर्मचारियों की यूनियनों की ब्लैकमेलिंग की रणनीति के आगे नहीं झुकेगी. अब आरटीसी 1200 कर्मचारियों के साथ बचा है. हम जल्द ही नई नियुक्तियां करने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेंगे. लेकिन नई भर्तियों को एक वचन देना होगा कि वे किसी भी यूनियन में शामिल नहीं होंगे.

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