नई दिल्ली: गुरुवार (11 जनवरी) को केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 7 और धारा 8 के तहत उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek-e-Hurriyat) के संबंध में राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा भी किया जाएगा. बता […]
नई दिल्ली: गुरुवार (11 जनवरी) को केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 7 और धारा 8 के तहत उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek-e-Hurriyat) के संबंध में राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा भी किया जाएगा. बता दें कि तहरीक-ए-हुर्रियत को 31 दिसंबर, 2023 को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया था.
Central government today directed that all powers exercisable by it under section 7 and section 8 of Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967 shall also be exercised by the state governments and the Union Territory Administration in relation to Tehreek-e-Hurriyat, Jammu and… pic.twitter.com/nIDhWIDNLq
— ANI (@ANI) January 11, 2024
केंद्र सरकार ने जारी निर्देश में कहा है कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 42 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार निर्देश देती है कि जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत (Tehreek-e-Hurriyat) के संबंध में उक्त अधिनियम की धारा 7 और धारा 8 के तहत उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा भी किया जाएगा.
बता दें कि 31 जनवरी को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तहरीक-ए-हुर्रियत गुट को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि यह गुट जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामी शासन लागू करने की कोशिशों में लगा था और इसे भारत विरोधी दुष्प्रचार और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद के लिए आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का दोषी पाया गया.
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