स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं. इसमें सबसे बड़ी समस्या लोगों को सवच्छता के प्रति समझाने की आती है. आज भी कई लोग घर में शौचालय बनवाने के लिए तैयार नहीं होते. ऐसे में प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान को लागू करने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के धमतरी में प्रशासन ने शिक्षा कर्मियों को स्कूल में पढ़ाने के अलावा छात्रों के शौच जाने पर भी निगरानी करने का निर्देश जारी किया है. मतलब कि छात्र स्कूल में बने टॉयलेट में जाएंगे तब शिक्षकों को शौचालय में झांककर उनका फोटो खींचकर जिला प्रशासन को भेजना होगा. मिशन@355 नाम से बने व्हाट्सएप ग्रुप पर इन फोटोज को भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
यह फरमान जिला पंचायत सीईओ जगदीश सोनकर ने जारी किया है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 355 स्कूलों में कम खर्चे के शौचालय बनाए गए हैं. अब इन स्कूलों में बच्चे स्वच्छता के प्रति कितने जागरुक होते हैं इसे जानने के उद्देश्य से यह ग्रुप बनाया गया है. बच्चों के सिर्फ शौचालय के अंदर के ही फोटो नहीं भेजने हैं बल्कि बाद में हाथ धोने की तस्वीरें भी ग्रुप में भेजनी होंगी. आदेश का मकसद बच्चों की सफाई की आदत जानना और उन्हें सफाई की आदतों से वाकिफ कराना है लेकिन इस अजीबोगरीब फरमान ने शिक्षकों को मुश्किल में डाल दिया है.
जगदीश सोनकर वही हैं जिनका पिछले दिनों एसडीएम रहते बलरामपुर के अस्पताल में बिस्तर पर पैर रखकर महिला से हालचाल पूछने का फोटो वायरल हुआ था. उस फोटो के वायरल होने के बाद वे सुर्खियों में आ गए थे. हालांकि वे अब धमतरी के जिला पंचायत सीईओ हैं.
बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन को देशभर में लागू करने के लिए सरकार द्वारा तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. पिछले दिनों कई राज्यों में शिक्षकों को आदेश जारी किए गए थे कि वे सुबह खुले में शौच के लिए जाने वाले लोगों के फोटो खींचकर व्हाट्सएप पर भेजेंगे. इसके लिए शिक्षकों को सुबह पांच बजे से ड्यूटी करनी होती थी. वे खेतों में शौच के लिए जाने वाले लोगों को समझाते थे और शौचालय का महत्व भी बताते थे.
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