नई दिल्ली. जनवरी से मार्च तक सभी के दिमाग पर टैक्स प्लानिंग होती है. बाकि का साल आराम से गुजारा जाता है. लेकिन आखिरी समय में ये भागदौड़ करना भारी पड़ सकता है क्योंकि ऐसे में जल्दबाजी में फैसले लिए जाते हैं और गलतियां भी होती हैं. आखिरी समय में जल्दबाजी में फैसले लेने की जगह पहले से टैक्स प्लानिंग करना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके लिए पहले से ही समय रहते पूरी रिसर्च की जानी चाहिए और बाजार में उपलब्ध अलग-अलग प्रोडक्ट के बारे में जानकारी लेनी चाहिए.
इसके लिए अपने साल के आखिरी में मिले सालभर के बोनस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. वित्तीय वर्ष 2018-19 की आखिरी तिमाही भी कुछ दिनों बाद शुरू हो रही है. यदि अभी तक अपनी टैक्स प्लानिंग नहीं की है तो अब इसे करना बेहद जरूरी है. इसके लिए कुछ निवेश किए जा सकते हैं, जिससे पहले निवेश से मिलने वाले रिटर्न और इससे होने वाले खतरे के बारे में पूरी जानकारी निकाल कर सही विकल्प चुनें. जानें ऐसी कुछ निवेश के विकल्प जिनसे टैक्स प्लानिंग में मदद मिलेगी.
कहां करें निवेश
समय रहते टैक्स सेविंग निवेश करने का फायदा है कि अपने निवेश को किश्तों में कर सकते हैं और नकदी की कमी से भी बचा जा सकता है. साथ ही किश्तों में निवेश करने से बाजार की अस्थिरता से भी बचा जा सकता है. इसमें अपने निवेश से होने वाले खतरे और मिलने वाले रिटर्न की पूरी जानकारी पाने के बाद शेयर या कर्ज आधारित टैक्स स्कीम में निवेश कर सकते हैं.
शेयर सेविंग स्कीम- शेयर सेविंग स्कीम में लंबे समय या कम समय दोनों ही तरह से निवेश किया जा सकता है. हालांकि लंबे समय के लिए निवेश करने पर ज्यादा रिटर्न मिलता है. इस में निवेश करने पर तीन साल तक पैसा नहीं निकाल सकते और इसमें सेक्शन 80 (सी) के तहत टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक का फायदा मिलता है.
यूनाइटेड लिंक्ड सेविंग स्कीम- यूनाइटेड लिंक्ड सेविंग स्कीम में बीमा का फायदा और शेयर सेविंग स्कीम में निवेश के रिटर्न का फायदा मिलता है. इसके तहत निवेश करने पर पांच साल तक पैसा नहीं निकाल सकते.
अन्य स्कीम- यदि आप कम खतरे के साथ टैक्स बचाने की स्कीम की तलाश में हैं तो सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं. हालांकि ऐसा तभी कर सकते हैं यदि आपकी बेटी है. इसके अलावा पीपीएफ, एनएससी में भी निवेश कर सकते हैं जो सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन में मान्य है.
नेशनल पेंशन स्कीम- ये रिटायरमेंट आधारित स्कीम है. इसके जरिए सेक्शन 80 (सीसीडी) के तहत 50,000 रुपए का अतिरिक्त डिडक्शन फायदा उठाया जा सकता है. ये सेक्शन 80 (सी) के तहत निर्धारित रकम के अतिरिक्त है. इसकी मैच्योरिटी की रकम भी 60 प्रतिशत तक टैक्स फ्री है.
सभी निवेशकों को सबसे खास बात ये ध्यान में रखनी चाहिए की टैक्स सेविंग एक समय का काम नहीं है इसे नियमित रूप से करते रहना चाहिए.
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