नई दिल्ली. दुनियाभर में आज धड़ल्ले से सोशल मीडिया का यूज किया जा रहा है. ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर जमकर झूठ भी बोलते और बोलने की आजादी के नाम पर जमकर अफवाह भी फैलाई जाती है. ऐसे में युगांडा में सोशल मीडिया पर टैक्स लगा दिया गया है. देश की सरकार इससे रेवेन्यू जुटाने की कोशिश में है. इस फैसले से युगांडा के लोगों में काफी गुस्सा है. लोगों का कहना है कि ये सीधे तौर पर अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है.
इस टैक्स का मतलब है कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर लोगों को सामान्य डेटा चार्ज रे अलावा भी चार्ज देना होगा. इस टैक्स के लिए सबसे पहले युगांडा के नेता रह चुके योवेरी मुसेवेनी ने प्रस्ताव रखा था. उन्होंने इसके लिए वित्त मंत्री से भी गुहार की है. लोगों को युगांडा में व्हाटसएप से लेकर फेसबुक तक सब कुछ भी देखने के लिए रोज 5 सेंट का भुगतान करना होगा.
आम जनता के साथ मानवाधिकार कार्यकर्ता लाडिसलउस रवाकफुउजी ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. उनका कहना है कि ये लोगों से उनका अधिकार छीनना है. योवेरी ने मार्च में कहा था कि ऑनलाइन लोग गॉसिप करते हैं, अफवाह फैलाते हैं, जिससे माहौल बिगड़ता है. तब उन्होंने वित्त मंत्री से टैक्स लगा कर धन जुटाने की बात कही थी.
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