नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने में चंद दिन ही बचे हैं। ऐसे में एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरूआत होने जा रही है। ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी दिन से पर्सनल फाइनेंस से जुड़े अधिकतर बदलाव लागू किए जाते हैं। इसके अलावा बजट में हुए अधिकतर एलान […]
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने में चंद दिन ही बचे हैं। ऐसे में एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरूआत होने जा रही है। ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी दिन से पर्सनल फाइनेंस से जुड़े अधिकतर बदलाव लागू किए जाते हैं। इसके अलावा बजट में हुए अधिकतर एलान भी इसी दिन से लागू किए जाते हैं। ऐसे में 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरूआत के साथ ही कुछ अहम बदलाव भी होंगे, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
यदि आपने अभी तक पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) और नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) में से किसी का चुनाव नहीं किया है तो, जल्द ही अपनी सहूलियत के अनुसार टैक्स फाइल करने के तरीके को चुन लें। याद रखें कि अगर 31 मार्च तक आप पुरानी टैक्स व्यवस्था और नई टैक्स व्यवस्था दोनों में से किसी को नहीं चुनते हैं तो, ऑटोमैटिक तरीके से न्यू टैक्स रिजीम में चले जाएंगे।
बता दें कि इस नई टैक्स व्यवस्था में आपको 7 लाख रुपये तक की कमाई पर किसी तरह के टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा। लेकिन, अगर आप निवेश करके टैक्स बचाना चाहते हैं, तो इसके लिए पुराना टैक्स रिजीम बेहतर हो सकता है।
जहां पहले ओल्ड टैक्स रिजीम में 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू रहता था, वहीं अब इसे न्यू टैक्स रिजीम में शामिल कर दिया गया है।ऐसे में स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत आपको 50 हजार रुपये पर टैक्स में छूट मिलती है, यानी कि आप अपनी सैलरी से बिना कुछ सोचे-समझे 50 हजार रुपये कम कर सकते हैं। यह आपकी टैक्सेबल इनकम को कम करता है। इससे लोगों को इतना फायदा हो जाता है कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए की रिबेट के साथ उन पर कोई टैक्स नहीं लगता है। जबकि, 5 लाख रुपये से कम की कुल कमाई करने वालों को 87A 12,500 रुपये तक की छूट मिलती है।
वहीं अगर आप किसी प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं और कम छुट्टियां लेते हैं तो, आपको छुट्टियों के बदले मिलने वाले पैसों पर ज्यादा टैक्स छूट मिलेगी। जबकि, पहले अगर कोई गैर-सरकारी कर्मचारी अपनी बची छुट्टियों के बदले कंपनी से पैसा लेता था, तो बस 3 लाख रुपये तक की रकम ही टैक्स-फ्री रहती थी। लेकिन, अब इसकी लिमिट 25 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है।
इसके अलावा 1 अप्रैल से 5 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आमदनी वाले लोगों को भी जबरदस्त फायदा मिलेगा। दरअसल, सरकार ने 5 करोड़ से अधिक की आमदनी पर लगने वाले सरचार्ज में 12 फीसदी की कमी कर दी है। जहां पहले ये 37 फीसदी था, वहीं अब 1 अप्रैल से 25 फीसदी कर दिया जाएगा। हालांकि, इसका फायदा वहीं लोग ले सकेंगे, जो नई टैक्स व्यवस्था को चुनेंगे।
इतना ही नहीं अब जीवन बीमा पॉलिसी से मिली मैच्योरिटी इनकम पर भी टैक्स लगाया जाएगा। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा इसका ऐलान किया गया है। इसमें जो भी पॉलिसी 1 अप्रैल 2023 या उसके बाद जारी हुई हैं, वो इस नियम के अंतर्गत आएगी। हालांकि, उन्हीं लोगों को इस टैक्स का भुगतान करना होगा, जिनका कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा रहेगा।