नई दिल्ली। तवांग मामले को लेकर आज भी संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 2005 में जब हम विपक्ष में थे और बॉर्डर के विषय को उठाया था तब प्रणब दादा और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे बुलाकर कहा […]
नई दिल्ली। तवांग मामले को लेकर आज भी संसद में विपक्ष का हंगामा जारी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 2005 में जब हम विपक्ष में थे और बॉर्डर के विषय को उठाया था तब प्रणब दादा और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे बुलाकर कहा था कि भारत-चीन सीमा के मुद्द संवेदनशील होते हैं। उसे उजागर न करके आंतरिक रूप से निपटना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2008 में चीनी राष्ट्रपति जब भारत आए थे तब भी हमने चर्चा की मांग की तब भी यही कहा गया। आडवाणी जी उस वक्त विपक्ष के नेता थे उन्होंने इस पर हामी भरी थी कि इसे बिना उजागर किए सुलझाया जाए। आज वही कांग्रेस बार-बार इसे चर्चा में लाने की मांग कर रही है।
कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक में आज सोनिया गांधी ने चीनी आक्रमण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अडिग है और इस पर चर्चा नहीं करना चाहती है। जनता और संसद वास्तविक स्थिति जानने में असमर्थ है। सरकार चीनी अतिक्रमण का जवाब क्यों नहीं दे रही है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संसद परिसर में प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन में भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा की मांग कर रहा है। सरकार जनता के लिए जवाबदेह है। हम सब देश की रक्षा के लिए खड़े हैं। सीमा पर क्या स्शिति है, जून 2020 में हमारे जवाने क्यों मारे गए थे? ये सबकों पता होना चाहिए।
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