नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को हुई झड़प को लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार तवांग मामले की लीपापोती […]
नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को हुई झड़प को लेकर विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार तवांग मामले की लीपापोती कर रही है।
बता दें कि इससे पहले ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री राजनीतिक नेतृत्व के मामले में नाकाम साबित हो रहे हैं। 9 तारीख को ये झड़प होती है और आप संसद में आज बताते हैं। अगर मीडिया इस पर बात नहीं करती तो फिर आप तो खामोश बैठ जाते
तवांग मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये सब इनकी नाकामी है। आप हम सभी को उस जगह पर लेकर जाइए। देश के प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं। व्यापार असंतुलन के बाद भी हमारी सेना मार खा रही है, चीन हमारी जमीन में घुसता है
गौरतलब है कि अरूणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों से हुई झड़प पर मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि इस झड़प में एक भी सैनिक शहीद नहीं हुआ है। इस दौरान दोनों सदनों में विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया।
तवांग में हुए झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने बहादुरी से PLA को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी केंद्र पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 9 दिसंबर 2022 को PLA गुट ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में, LAC पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया। चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में हाथापाई हुई।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस घटना के पश्चात क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की। मैं इस सदन को यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण PLA सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए।
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