गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस देश की जनता ने कई तानाशाहों के घमंड को चकनाचूर किया है। उनकी सरकार ने लोकतांत्रिक तरीके से काम किया है। जो लोग कहते थे कि भारत कभी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पाएगा, उन्हें भी हमारी जनता और संविधान की खूबसूरती ने जवाब दे दिया है।
नई दिल्ली : राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के अगले कार्यकाल में पूरे देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी। शाह ने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में लौटती है तो सभी हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यूसीसी को पेश किया जाएगा। एक इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का अगला कार्यकाल कई मायनों में अहम होगा क्योंकि इस दौरान एक देश-एक चुनाव भी लागू किया जाएगा। शाह ने कहा कि अब समय आ गया है जब पूरे देश में एक साथ चुनाव होने चाहिए।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, इस देश की जनता ने कई तानाशाहों के घमंड को चकनाचूर करने का काम किया है। उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से काम किया है। जो लोग कहते थे कि भारत कभी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो पाएगा, उन्हें भी हमारी जनता और संविधान की खूबसूरती ने जवाब दे दिया है। आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दुनिया के सामने खड़े हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने 55 साल में 77 संशोधन किए।
शाह ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता हम पर एक जिम्मेदारी है, जिसे हमारे संविधान निर्माताओं ने हम पर, हमारी संसद पर और राज्य विधानसभाओं पर छोड़ा है। संविधान सभा ने हमारे लिए जो मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए थे, उनमें समान नागरिक संहिता भी शामिल है। उस समय भी केएम मुंशी, राजेंद्र बाबू, अंबेडकर जी जैसे कानूनी विद्वानों ने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर कानून नहीं होने चाहिए। समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।’
अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी को तो वे परिवार की संपत्ति मानते थे, लेकिन संविधान को भी परिवार की संपत्ति बनाने की कोशिश की। उन्होंने कोई भी काम नियमानुसार नहीं किया। जमीन का एक टुकड़ा दे दिया गया, 35A को बदल दिया गया। अमित शाह ने कहा कि आम चुनाव में संविधान को हवा में लहराया गया। संविधान एक आस्था है और उसका सम्मान होना चाहिए। यह कोई मुद्दा नहीं है जिसे हवा में लहराया जाए। इसका जवाब लोकसभा, हरियाणा और महाराष्ट्र में मिल गया। नकली संविधान लेकर घूमते थे और जनता ने उन्हे जवाब दे दिया है।
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