तमिलनाडु: मद्रास हाईकोर्ट से ई पलानीस्वामी को बड़ा झटका, एआईएडीएमके महासचिव पद पर नियुक्ति अयोग्य करार

तमिलनाडु: चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट से तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने पलानीस्वामी की एआईएडीएमके के महासचिव के पद पर नियुक्ति को अयोग्य ठहरा दिया है। बता दें कि पलानीस्वामी को पिछले महीने ही अंतरिम महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही उन्हें पार्टी चलाने […]

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तमिलनाडु: मद्रास हाईकोर्ट से ई पलानीस्वामी को बड़ा झटका, एआईएडीएमके महासचिव पद पर नियुक्ति अयोग्य करार

Vaibhav Mishra

  • August 17, 2022 2:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

तमिलनाडु:

चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट से तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने पलानीस्वामी की एआईएडीएमके के महासचिव के पद पर नियुक्ति को अयोग्य ठहरा दिया है। बता दें कि पलानीस्वामी को पिछले महीने ही अंतरिम महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही उन्हें पार्टी चलाने के सभी अधिकार दे दिए गए थे।

पनीरसेल्वम ने किया था हाईकोर्ट का रुख

ये पूरा मामला AIADMK जनरल काउंसिल बैठक का है। इसे लेकर पार्टी के नेता ओ पनीरसेल्वम ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने कहा था कि कानूनों का उल्लंघन कर महासचिव पद के चुनाव कराए गए थे, इसीलिए इसे रद्द किया जाए।

पनीरसेल्वम समर्थकों में जश्न का माहौल

मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद पनीरसेल्वम के समर्थकों में जश्न का माहौल है। पक्ष में फैसला आने के बाद पनीरसेल्वम के घर के बाहर सैकड़ो समर्थक जमा हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अब नई जनरल काउंसिल की बैठक होगी, जिसमें नए सिरे से महासचिवों का चुनाव कराया जाएगा।

एआईएडीएमके पर कब्जे की है लड़ाई

बता दें कि तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी AIADMK में आंतरिक कलह थमने का नहीं ले रही है। पार्टी पर कब्जे को लेकर दो गुटों लगातार आमने-सामने है। जिसमें एक गुट पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम का है और दूसरा गुट पूर्व उपमुख्यमंत्री पलनीस्वामी का है।

जयललिता के निधन के बाद बटी पार्टी

गौरतलब है कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से AIADMK पार्टी दो गुंटों में बट गई। जिसमें पार्टी के दो वरिष्ठ नेता पलानीस्वामी और पन्नीरसेलवम राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब दोनों ही वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे है। पलानीस्वामी और पन्नीरसेलवम खुद को पार्टी का सबसे बड़ा नेता बता रहे हैं और पार्टी खुद का वर्चस्व स्थापित करना चाह रहे हैं।

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