नई दिल्ली. अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के पूरी तरह से चले जाने के बाद अब सबकी नजरें वहां के हालात पर है। तालिबान की ओर से किस प्रकार सत्ता का गठन किया जाता है और वहां कैसे सरकार आगे बढ़ती है इस पर कई देशों की नजर है। कई देश तालिबान को पहले ही मान्यता […]
नई दिल्ली. अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के पूरी तरह से चले जाने के बाद अब सबकी नजरें वहां के हालात पर है। तालिबान की ओर से किस प्रकार सत्ता का गठन किया जाता है और वहां कैसे सरकार आगे बढ़ती है इस पर कई देशों की नजर है। कई देश तालिबान को पहले ही मान्यता दे चुके हैं वहीं कई देश अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। भारत भी अभी वहां के हालात पर नजर बनाए हुए है। इसी बीच अमेरिका पहुंचे भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अफगानिस्तान मसले पर पाकिस्तान को निशाने पर लिया।
वाशिंगटन में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अमेरिका स्थिति को बहुत करीब से देख रहा है। पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी है और उसने तालिबान का समर्थन और बढ़ावा दिया है। मीडिया से बात करते हुए हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि कई ऐसे तत्व हैं जो पाकिस्तान समर्थित हैं। इसलिए इसकी भूमिका को उस संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
श्रृंगला ने कहा कि अगस्त के लिए यूएनएससी के अध्यक्ष के रूप में, हमने 4 प्रस्तावों को अपनाया जिसमें अफगानिस्तान को लेकर संकल्प बहुत महत्वपूर्ण था। अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक लोगों को निकालने को सुविधा मिले और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने तालिबान के साथ अपने 10,000 से 15,000 लोगों को काबुल और अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए भेजा था। इस संबंध में किए एक सवाल के जवाब में पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने गुरुवार को कहा कि मुझे उस रिपोर्ट की पुष्टि के लिए कुछ नहीं मिला है।