नई दिल्ली. तबरेज अंसारी की हत्या मामले में एक बड़ा फैसला लेते हुए झारखंड पुलिस ने सभी 11 आरोपियो के खिलाफ एख बार फिर हत्या के आरोप दर्ज कर लिए हैं. आठ दिन पहले पुलिस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. हालांकि एक नई मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद झारखंड पुलिस ने युवा मुस्लिम व्यक्ति तबरेज अंसारी की भीड़ के पीटने से मौत होने के मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप को दोबारा दर्ज कर दिया है.
कई वीडियो में देखा गया कि भीड़ ने तबरेज अंसारी को पोल से बांधकर डंडों से पीटा और कथित चोरी के आरोपों के बाद उसे जय श्री राम का जाप करने के लिए मजबूर किया गया. एक ताजा मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर, पुलिस ने बुधवार को सरायकेला-खरसावां जिले की एक अदालत के समक्ष एक पूरक आरोप पत्र दायर किया, जिसमें 11 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी (हत्या) की धारा 302 को बरकरार रखा गया. पुलिस ने शेष दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की और उनके खिलाफ जांच पूरी करने के बाद हत्या का आरोप लगाया.
पुलिस ने 10 सितंबर को सभी 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप को हटा दिया था और पोस्टमॉर्टम, मेडिकल और फोरेंसिक रिपोर्टों के आधार पर कहा था कि 24 वर्षीय अंसारी की मौत दिल की गति रुकने से हुई थी. बता दें कि धारा 302 के तहत सजा की मात्रा मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना है और धारा 304 के तहत जुर्माना आजीवन कारावास या 10 साल की कैद या जुर्माना या दोनों है. अधिकारी ने कहा, पिछली मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से नहीं हुई थी, इसलिए पुलिस ने जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की दूसरी राय ली.
डॉक्टरों की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि, मुख्य निष्कर्षों के आधार पर, हमने कहा कि पहले तो हड्डी का फ्रैक्चर कठोर चीज के कारण होने वाली गंभीर चोट से है. दूसरा हड्डी के टूटने, कमजोर अंगों और दिल में भरे खून के कारण कार्डिएक अरेस्ट हुआ. अधिकारी ने कहा कि पुलिस को वायरल वीडियो में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है, जिसमें अंसारी को आरोपियों द्वारा पीटा गया है. 24 वर्षीय अंसारी की मौत के मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. अंसारी पुणे में एक मजदूर और वेल्डर के रूप में काम करता था और ईद मनाने के लिए घर आया था. 17 जून की रात धतकीडीह गांव में स्थानीय लोगों द्वारा मोटरसाइकिल चोरी करने की कोशिश के संदेह में उसे पकड़ लिया गया था.
उसे एक पोल से बांधकर भीड़ द्वारा लाठी और लोहे की रॉड से हमला किया गया. इस मामले का एक वीडियो वायरल हुआ और टीवी और सोशल मीडिया पर छा गया. वीडियो में देखा गया था कि उसे जय श्री राम और जय हनुमान का जाप करने के लिए मजबूर किया गया. हालांकि अपराधियों के किसी हिंदू अधिकार संगठन से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं था, लेकिन विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया था. 22 जून को जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा अंसारी को मृत घोषित किए जाने के बाद इस मामले को देखने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. इस घटना के संबंध में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
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