स्वाति मालीवाल ने आतिशी को बताया डमी, केजरीवाल को आया गुस्सा, फिर…

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मिलकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब आतिशी सीएम पद की शपथ लेंगी और दिल्ली की कमान संभालेंगी. इस बीच कभी अरविंद केजरीवाल की करीबी रहीं राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आतिशी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वह […]

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स्वाति मालीवाल ने आतिशी को बताया डमी, केजरीवाल को आया गुस्सा, फिर…

Vidya Shanker Tiwari

  • September 17, 2024 6:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से मिलकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब आतिशी सीएम पद की शपथ लेंगी और दिल्ली की कमान संभालेंगी. इस बीच कभी अरविंद केजरीवाल की करीबी रहीं राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आतिशी को लेकर बड़ा बयान दिया है.

उन्होंने कहा है कि वह डमी साबित होंगी और दिल्ली के लिए ये दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा कि जिसका परिवार आतंकवादी अफजल गुरु की पैरोकारी करता रहा उसे सीएम बनाया जा रहा है. इस पर आप भड़क गई और स्वाति से इस्तीफा मांग लिया.

स्वाति ने बोला हमला

स्वाति मालीवाल का यह बयान आप के सीने में कांटें की तरह चुभ रहा है. भाजपा भी इसी तरह का बयान दे रही है लेकिन भाजपा आप की राजनैतिक विरोधी है और स्वाति मालीवाल आप की सदस्य और राज्यसभा सांसद हैं. सूत्रों के मुताबिक मालीवाल के बयान से अरविंद केजरीवाल बहुत परेशान हैं लेकिन उनकी मजबूरी है कि वह कुछ कर नहीं सकते.

ऐसे आई रिश्तों में दरार

दरअसल दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल राज्यसभा सदस्य बनने के बाद बागी हो गई थी और इसका कारण बना केजरीवाल की गिरफ्तारी. दिल्ली शराब घोटाले में जब केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई तो मालीवाल चुप रहीं थी. ये बात केजरीवाल को अच्छी नहीं लगी.

उन्हें सीएम आवास पर बुलाया गया और केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार ने स्वाति के साथ मारपीट की थी. इसको लेकर एफआईआर हुई और विभव कुमार जेल गये. स्वाति को सीएम आवास पर इसलिए बुलाया गया था कि वह राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दें लेकिन मालीवाल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.

केजरीवाल गुस्से में लाल लेकिन…

आप की मजबूरी यह है कि नियम कानून के मुताबिक स्वाति की राज्यसभा सदस्यता वह छीन नहीं सकती. इसके लिए जरूरी है कि मालीवाल संसद में पार्टी लाइन से अलग वोटिंग करें. मतलब यह कि जब तक स्वाति पार्टी ह्विप का पालन करती रहेंगी तब तक उनका कुछ नहीं हो सकता. अगर पार्टी उन्हें बर्खास्त करती है तो वह आप के निर्देशों को मानने के लिए बाध्य नहीं रह जाएंगी.

मतलब यह कि जैसे चाहें संसद में मतदान करें. ऐसे में आप का एक सदस्य भी कम हो जाएगा और उसको नुकसान भी होगा. स्वाति मालीवाल भी इन नियम कानूनों से वाकिफ हैं लिहाजा स्थिति का फायदा उठा रही हैं और आप व केजरीवाल पर वार करने का कोई मौका नहीं चूक रही हैं.

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